विज्ञान

अब तक 12 इंसानों ने रखा है चांद पर कदम, कौन हैं ये?

Vivek Mishra

अपोलो 11 - 16-24 जुलाई 1969

नील आर्मस्ट्रांग,

स्पेस कमांडर

चंद्रमा पर यान उतारने और उसकी सतह पर पहला कदम रखने वाले व्यक्ति होने का गौरव इन्हें हासिल है। यह पहले मानवयुक्त मून लैंडिंग मिशन के अंतरिक्ष यान कमांडर थे। अमेरिका के ओहियो स्थित वापाकोनिटा में 5 अगस्त, 1930 को जन्मे आर्मस्ट्रांग ने कैरियर की शुरुआत 1949 में अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ ओहियो में ही की। इन्हें 1962 में एस्ट्रोनॉट का दर्जा मिला। चांद पर उतरने से पहले वे जेमिनी 9 मिशन में बतौर कमांड पायलट जुड़े। इसके बाद 1969 में इतिहास रचा। 82 वर्ष की अवस्था में हृदय रोग के कारण 25 अगस्त 2012 को उनका निधन हो गया

एडविन बज एल्ड्रिन,

लूनर मॉड्यूल पायलट

पहले मानवयुक्त चंद्रमा मिशन अपोलो 11 में नील ऑर्मस्ट्रांग के बाद 20 जुलाई, 1969 को चांद की सतह पर कदम रखने वाले दूसरे एस्ट्रानॉट यही हैं। इन्होंने वहां दो घंटे पंद्रह मिनट गतिविधि की। एल्ड्रिन ने अपने कैरियर में स्पेसक्राफ्ट के बाहर करीब गतिविधि करने का नया रिकॉर्ड भी कायम किया। उन्होंने कुल 289 घंटे, 53 मिनट स्पेस में बिताए, जिसमें से 7 घंटे 52 मिनट स्पेस की बाहरी गतिविधियों में गुजारा। चंद्रमा मिशन से पहले 1966 में वह जेमिनी 12 स्पेसक्राफ्ट का हिस्सा रहे। 20 जनवरी, 1930 को अमेरिका के न्यू जर्सी में जन्मे एल्ड्रिन 93 वर्ष पूरा कर चुके हैं

अपोलो 12 - 14-24 नवंबर, 1969

चार्ल्स कॉनराड,

स्पेस कमांडर

चांद की सतह पर कदम रखने वाले ये तीसरे सफल व्यक्ति रहे। सितंबर 1962 में कॉनराड को नासा द्वारा एक अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चयनित किया गया था। इनकी पहली उड़ान जेमिनी-5 थी, जिसने अंतरिक्ष में मानव-घंटे के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका को अग्रणी स्थान दिया। जेमिनी 11 के कमांडर के रूप में कॉनराड ने वर्ल्ड एल्टीट्यूड रिकॉर्ड स्थापित करने में मदद की। इसके बाद उन्होंने दूसरे चंद्र लैंडिंग अपोलो 12 के कमांडर के रूप में कार्य किया। 8 जुलाई, 1999 को कैलिफोर्निया में एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई

ऐलन बीन,

लूनर मॉड्यूल पायलट

चांद की सतह पर कदम रखने वाले यह चौथे व्यक्ति थे। इन्हें 1963 में नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री समूह 3 के सहयोगी के रूप में चुना गया था।

इन्होंने चंद्रमा पर खोज के लिए चंद्रमा की सतह पर कई अनुप्रयोगों को इंस्टॉल किया। 15 मार्च, 1932 में टेक्सास में जन्मे कैप्टन बीन ने अपने कैरियर में 7,145 घंटों की उड़ान भरी, इनमें 4,890 घंटे की उड़ान जेट एयरक्रॉफ्ट  के जरिए  थी।

यदि स्पेस की बात की जाए तो इन्होंने 1,671 घंटे और 45 मिनट स्पेस में गुजारे, जिसमें से 10 घंटे और 26 मिनट  इन्होंने स्पेसक्राफ्ट के बाहर चंद्रमा और पृथ्वी की कक्षा में बिताए। 26 मई, 2018 को इनका निधन हो गया

अपोलो 14 - 31 जनवरी-09 फरवरी, 1969

एलन बी शेफर्ड,

स्पेस कमांडर

यह चांद की सतह पर कदम रखने वाले पांचवे और सबसे ज्यादा उम्र (47) वाले व्यक्ति थे। इससे पहले वह 1961 में दुनिया के दूसरे और अमेरिका के पहले अंतरिक्ष यात्री का खिताब भी हासिल कर चुके थे। 18 नवंबर, 1923 को अमेरिका के न्यू हेमिस्फीयर में जन्मे शेफर्ड को 1959 में नासा की तरफ से बुध मिशन के लिए भी चुना गया था। इन्होंने कैरियर में कुल 8,000 घंटों की उड़ान भरी, इसमें 3,700 घंटे जेट एयरक्राफ्ट के रहे। वह चंद्रमा के पहाड़ी सतह से करीब 100 पाउंड का नमूना लाए थे। 21 जुलाई, 1988 को इनका निधन हो गया

एडगर मिशेल,

लूनर मॉड्यूल पायलट

यह चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाले छठे व्यक्ति थे। अप्रैल, 1966 में इन्हें नासा की तरफ से पांचवे अंतरिक्ष यात्री समूह में सदस्य के तौर पर चयनित किया गया था। इससे पहले अपोलो 9 और अपोलो 10 में भी यह सहयोग कर चुके थे। करीब पांच लाख किलोमीटर आउटर स्पेस में यात्रा करके चांद से 9 दिनों में सुरक्षित लौटने वाले मिशेल ने ऐतिहासिक यात्रा की। अपोलो का यह मिशन चंद्रमा से काफी भारी पेयलोड वापस धरती पर लेकर लौटा था। चंद्रमा की सतह पर सबसे ज्यादा करीब 33 घंटे रुके, इसमें 9 घंटे 17 मिनट तक स्पेसक्राफ्ट के बाहर गतिविधि की गई। 4 फरवरी, 2016 को 86 वर्ष की आयु में इनका निधन हो गया

अपोलो 15 - 26 जुलाई से 7 अगस्त, 1971

डेविड आर स्कॉट,

स्पेस कमांडर

यह चंद्रमा की सतह पर यात्रा करने वाले सातवें टेस्ट पायलट और नासा अंतरिक्ष यात्री थे। यह एकलौते ऐसे अंतरिक्ष यात्री थे जिन्होंने अपोलो के ऑर्बिटल और लूनर दोनों मिशन के लिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी। अमेरिका के टेक्सास में 6 जून, 1932 को जन्मे स्कॉट ने जब अपोलो 15 मिशन की उड़ान भरी तो यह उनकी तीसरी अंतरिक्ष उड़ान थी। 16 मार्च, 1966 को नील आर्मस्ट्रांग के साथ उन्होंने जेमिनी-8 मिशन के लिए उड़ान भरी थी। स्कॉट 3 से 13 मार्च, 1969 को कमांड मॉड्यूल पायलट के तौर पर अपोलो-9 का भी हिस्सा रहे। अपोलो 15 मिशन के तहत स्कॉट और उनके साथी 18 घंटे 35 मिनट तक स्पेसक्राफ्ट के बाहर गतिविधि करते रहे। वह पिछले सभी मिशन से कहीं ज्यादा 180 पाउंड सतह के नमूने लेकर लौटे। स्कॉट अब 91 वर्ष पूरा कर चुके हैं

जिम इरविन,

लूनर मॉड्यूल पायलट

चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाले आठवें व्यक्ति थे। यह अपोलो 15 मिशन के साथ चंद्रमा पर मारे इमब्रियम पहाड़ के दक्षिणपूर्व किनारे स्थित हाडले रिल और एपेनिन पर्वत पर खोजबीन के लिए पहुंचे। इरविन को 1966 में नासा द्वारा चुना गया था। 17 मार्च, 1930 को पेन्सिलवेनिया में जन्मे इरविन अपोलो 10 के अंतरिक्ष यात्री सहायता समूह में भी थे और अपोलो 12 मिशन में लूनर मॉड्यूल पायलट के बैकअप के तौर पर भी इनका नाम था। 8 अगस्त, 1991 में हृदयाघात के कारण इरविन का निधन हुआ

अपोलो 16 - 16-27 अप्रैल, 1972

जॉन वाट्स यंग,

स्पेस कमांडर

यह चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाले नौवें व्यक्ति थे। 24 सितंबर, 1930 को जन्मे यंग को सितंबर 1962 में नासा के जरिए एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था। वह पृथ्वी से छह बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले पहले व्यक्ति रहे। इनकी पहली उड़ान जेमिनी 3 में गस ग्रिसोम के साथ थी, जो 23 मार्च, 1965 को जेमिनी का पहला मानव मिशन था। यंग ने अपने कैरियर में प्रॉप्स, जेट, हेलीकॉप्टर, रॉकेट जेट में 15,275 घंटे से अधिक उड़ानें भरीं। इनमें टी-38 में 9,200 घंटे से अधिक और 835 घंटे की अंतरिक्ष उड़ान शामिल है। 5 जनवरी, 2018 को इनका निधन हो गया

चार्ल्स एम ड्यूक,

लूनर मॉड्यूल पायलट

ड्यूक अप्रैल 1966 में नासा द्वारा चुने गए 19 अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। उन्होंने अपोलो 10 मिशन में अंतरिक्ष यात्री सहायता दल के सदस्य के रूप में कार्य किया। चंद्रमा पर पहली लैंडिंग वाले अपोलो 11 मिशन से भी जुड़े रहे। इसके बाद अपोलो 13 से भी जुड़े। ड्यूक पांचवे मानवयुक्त चंद्रमा पर लैंडिंग यान में चंद्रमा की सतह पर उतरने वाले 10वें व्यक्ति हैं। इस अभियान में ड्यूक और यंग ने चंद्रमा की सतह पर 71 घंटे और 14 मिनट तक रहने का अपना रिकॉर्ड स्थापित किया। 3 अक्टूबर 1935 में नॉर्थ कैरोलिना में जन्मे ड्यूक अब 87 वर्ष के हो चुके हैं

अपोलो 17 - 07-19 दिसंबर, 1972

यूजीन सर्नन,

स्पेस कमांडर

चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाले यह 11वें शख्स थे। इनका मिशन अब तक अंतिम निर्धारित मानवयुक्त चंद्रमा मिशन था, जिसने पुराने सभी चंद्र मिशन के रिकॉर्ड तोड़े। 14 मार्च, 1934 को शिकागो के इलिनोइस में जन्मे सर्नन ने पहली बार बतौर अंतरिक्ष यात्री जेमिनी 9 मिशन पर पायलट सीट की कमान संभाली। कैप्टन सर्नन ने अंतरिक्ष में 566 घंटे और 15 मिनट बिताए हैं, जिनमें से 73 घंटे से अधिक चंद्रमा की सतह पर हैं। जनवरी 2017 में इनका निधन हो गया

हैरिसन श्मिट,

लूनर मॉड्यूल पायलट

श्मिट चंद्रमा पर कदम रखने वाले बारहवें तथा अंतिम व्यक्ति हैं। चंद्रमा पर यह आखिरी निर्धारित मानवयुक्त चंद्र मिशन था। अगस्त 1971 मे श्मिट को अपोलो 17 मिशन के लिए लून मॉड्यूल पायलट के तौर पर चुना गया था। इस अपोलो मिशन ने 301 घंटे और 51 मिनट की यात्रा की, जो रिकॉर्ड है। स्पेसक्राफ्ट के बाहर गतिविधियों के मामले में भी इस मिशन ने रिकॉर्ड कायम किया। करीब 22 घंटे, 4 मिनट तक एक्स्ट्रा व्हीकुलर एक्टिविटी की गई। 3 जुलाई, 1935 को जन्मे श्मिट अब 88 वर्ष के हो चुके हैं