विज्ञान

साल 2022 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, जिसे सुपर फ्लावर ब्लड मून कहा जाता है, विवरण यहां जानें

Dayanidhi

इस साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण आज यानी 16 मई 2022 को पड़ रहा है। हालांकि इस सीजन का पहला ग्रहण 30 अप्रैल, 2022 को था और यह आंशिक सूर्य ग्रहण था। इस बार का चंद्र ग्रहण भारत के समय के अनुसार सुबह 8:59 बजे से 10.23 बजे तक हुआ था।

चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिया लेकिन यह अन्य देशों जैसे उत्तर दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और अन्य देशों में देखा जा रहा है। 15 और 16 मई के इस ग्रहण को सुपर फ्लावर ब्लड मून भी कहा जाता है।

चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है- पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपच्छाया चंद्र ग्रहण। यहां बताते चलें कि जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे अपनी छाया में आता है तो चंद्र ग्रहण होता है।

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के मुताबिक चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा के दौरान होता है और छह घंटे तक चल सकता है।

ग्रहण के दौरान दो छाईयां पड़ती हैं। पहले को गर्भ (कुल छाया, जो भूमि की एक संकीर्ण पट्टी पर पड़ता है) के रूप में जाना जाता है। यह ग्रहण की छाया का अंधेरा केंद्र है। दूसरी कम गहरी छाया को पेनम्ब्रा कहा जाता है। यह एक आंशिक छाया है जो एक बड़े क्षेत्र को कवर करती है।

कुल चंद्र ग्रहण (ब्लड मून) 2022 कहां दिखाई देगा?

इस बार ब्लड मून चंद्र ग्रहण का कुल चरण उत्तर और दक्षिण अमेरिका साथ ही यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा। दक्षिण, पश्चिम यूरोप, दक्षिण, पश्चिम एशिया, अफ्रीका, अधिकांश उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में ग्रहण के कुछ हिस्से दिखाई देंगे।

वहीं ब्राजील के साओ पाउलो में वर्ष के पहले ब्लड मून के दौरान चंद्र ग्रहण रात में दिखाई देता है। टेंपल सिटी, कैलिफ़ोर्निया में पूर्ण चंद्रग्रहण देखा गया। अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में लोग 15 और 16 मई की रात को पूर्ण चंद्र ग्रहण देखेंगे।

चंद्र ग्रहण 15 मई, 2022 को हंटिंगटन बीच, कैलिफोर्निया में 'सुपर ब्लड मून' बनाता है। ग्रहण एक सुपर मून के साथ तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के निकटतम बिंदु पर होता है।

जर्मनी के ड्रेसडेन में फरिश्ते "फ़ामा" के साथ फ्रौएनकिर्चे और कुन्स्तेडमी के गुंबद के पीछे आंशिक चंद्रग्रहण के दौरान सुबह में चंद्रमा अस्त होता है।

चंद्र ग्रहण कहां देखें?

नासा के मुताबिक वह इस आकाशीय घटना का सीधा प्रसारण करेगा। 15 और 16 मई के इस ग्रहण को सुपर फ्लावर ब्लड मून भी कहा जाता है।

ग्रहण को कैसे देखें?

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखा जा सकता है। नासा के प्लैनेटरी जियोलॉजी के प्रमुख नूह पेट्रो ने बताया कि चंद्रग्रहण के बारे में यह सबसे अच्छी बात है कि आपको बाहर और स्पष्ट क्षितिज में जुनून और रुचि के अलावा किसी अन्य गियर की आवश्यकता नहीं होती है।