विज्ञान

वैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा कपड़ा जो आपको गर्मी में रखेगा ठंडा, सर्दी में गर्म

शोधकर्ताओं ने रेशम और चिटोसन को कात कर सख्त (फ्रीज-स्पून) किया हैं, जो कि घोंघा (शेलफिश) के कठोर बाहरी कंकाल की तरह है, इनके छिद्रयुक्त माइक्रोस्ट्रक्चर को रंगीन रेशो से पिरोया गया

Dayanidhi

एक ऐसे पोशाक की कल्पना कीजिए, जो बदलते मौसम के अनुकूल हो, उसको पहनने वाला दोपहर की गर्मी में उसे ठंडा रखे, लेकिन जब बहुत ठंड हो रही हो तो वह गर्म कर दे। इस तरह के वस्त्रों को बाहर पहनने के अलावा, घर के अंदर भी पहना जा सकता है, जो एयर कंडीशनिंग या गर्मी की आवश्यकता को काफी कम कर देता है। अब शोधकर्ताओं ने एक ऐसा ही मजबूत, आरामदायक कपड़ा बनाया है जो त्वचा को गर्म रखता है और उसकी ऊर्जा को बढ़ाता है। यह शोध एसीएस एप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफेसेस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

स्मार्ट कपड़ा जो पहनने वाले को गर्म या ठंडा कर सकते हैं, आम तौर पर, एक ही कपड़े दोनों कार्य नहीं कर सकते हैं। इन वस्त्रों में बहुत सारी कमियां हो सकती हैं, ये भारी हो सकते हैं, नाजुक और महंगे हो सकते हैं। कई इस तरह के वस्त्रों को बाहर से ऊर्जा  देने की आवश्यकता होती है। शोधकर्ता गुआंगमिंग ताओ और सहकर्मी व्यक्तिगत थर्मल प्रबंधन के लिए एक ऐसे कपड़े को विकसित करना चाहते थे जिसका उपयोग आसानी से किया जा सके, जिनमें इस तरह की दिक्कत हो और वे दोनों काम भी करें।

शोधकर्ताओं ने रेशम और चिटोसन को कात कर सख्त (फ्रीज-स्पून) किया हैं, जो कि घोंघा (शेलफिश) के कठोर बाहरी कंकाल की तरह है, इनके छिद्रयुक्त माइक्रोस्ट्रक्चर को रंगीन रेशो से पिरोया गया। उन्होंने पॉलीथीन ग्लाइकोल (पीईजी) के साथ बचे छिद्रों को भर दिया, यह चरण-बदलते ही थर्मल ऊर्जा को अवशोषित और रिलीज करता है। फिर, उन्होंने तरल पीईजी का रिसाव करने के लिए धागे को पॉलीदिमेथिलसिलॉक्सिन के साथ कोट किया। इस तरह रेशे (फाइबर) मजबूत, लचीले और पानी से बचाने वाला बन गया। फाइबर का परीक्षण करने के लिए, शोधकर्ताओं ने उन्हें कपड़े के एक पैच में रखा, जिसे बाद में उन्होंने एक पॉलिएस्टर दस्ताने में डाल दिया।

जब दस्ताने पहनने वाले व्यक्ति ने इसे एक गर्म कमरे जिसका तापमान 122 डिग्री फ़ारेनहाइट था इसमें अपना हाथ रखा, तो ठोस पॉलीथीन ग्लाइकोल (पीईजी) ने वातावरण से उष्मा को अवशोषित किया, जो पानी की तरह पिघल गया और इसने पैच के नीचे त्वचा को ठंडा कर दिया।  इसी तरह जब हाथ में पहने दस्ताने को ठंडे कमरे जिसका तापमान 50 डिग्री फ़ारेनहाइट था, इस कमरे में ले कर गए, इसमें लगा पीईजी जम गया, जिससे गर्मी निकलने लगी और त्वचा गर्म हो गई। शोधकर्ताओं ने कहा कि कपड़ा बनाने की यह प्रक्रिया मौजूदा कपड़ा उद्योग के अनुकूल है और इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है।