विज्ञान

उम्र बढ़ने से क्यों कम हो जाती है याददाश्त, वैज्ञानिकों ने लगाया पता

उम्र बढ़ने से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा कम हो जाती है, इससे नाइट्रोसिलेशन कम हो जाता है जिससे याददाश्त और सीखने की क्षमता कम हो जाती है।

Dayanidhi

अक्सर उम्र बढ़ने पर मनुष्य में भूलने तथा ज्ञान-संबंधी गिरावट आने लगती है, क्या आपको पता है ऐसा क्यों होता है, हमारे मस्तिष्क में पाए जाने वाला कोनसा प्रोटीन है जो इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार है?

यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो स्कूल ऑफ मेडिसिन में फार्माकोलॉजी के वैज्ञानिक ने कहा कि, इस तंत्र में कामकी (सीएएमकेआईआई) नामक मस्तिष्क में पाए जाने वाले प्रोटीन का गलत तरीके से काम करना शामिल है, जो याद रखने और सीखने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा इस स्थिति में यह अध्ययन सीधे तौर पर विशेष दवाओं के उपचार संबंधी रणनीतियों का सुझाव देता है।

कामकी (सीएएमकेआईआई) प्रोटीन के अति सूक्ष्म याद रखने वाले काम होते हैं। क्योंकि कुछ क्षणों के लिए कैल्शियम आयन में आने वाली उत्तेजनाएं इसके तंत्रिका कोशिकाओं के बीच सिनैप्स और कैल्शियम आयन की स्वतंत्र गतिविधि में लंबे समय तक चलने वाली वृद्धि पर असर डाल सकती हैं, जिससे उनकी एक समय के बाद कैल्शियम आयन से याददाश्त मिट जाती है।

यह अध्ययन साइंस सिग्नलिंग जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

वैज्ञानिकों ने माउस मॉडल का उपयोग करते हुए पाया कि कामकी (सीएएमकेआईआई) मस्तिष्क प्रोटीन को बदलने से सामान्य उम्र बढ़ने के समान ज्ञान-संबंधी प्रभाव होते हैं।

वैज्ञानिकों ने कहा कि चूहों और मनुष्यों दोनों में उम्र बढ़ने से एस-नाइट्रोसिलेशन नामक प्रक्रिया कम हो जाती है, जिसके कारण कामकी (सीएएमकेआईआई) सहित मस्तिष्क में पाए जाने वाले एक विशेष प्रोटीन में बदलाव हो जाता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, वर्तमान अध्ययन से पता चलता है कि कामकी (सीएएमकेआईआई) के इस बदलाव में कमी सिनैप्टिक प्लास्टिसिटी और याद रखने की क्षमता को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त है, जो उम्र बढ़ने पर असर डालती हैं।  

सामान्य उम्र बढ़ने से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा कम हो जाती है। अध्ययन में कहा गया है कि इससे नाइट्रोसिलेशन कम हो जाता है जिससे याददाश्त और सीखने की क्षमता कम हो जाती है।

वैज्ञानिकों ने कहा कि नया शोध ऐसी दवाओं और अन्य चिकित्सीय समाधानों को विकसित करने का रास्ता खोलता है जो प्रोटीन के नाइट्रोसिलेशन को सामान्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह लंबे समय के लिए सामान्य ज्ञान-संबंधी गिरावट का इलाज करने या उसे रोका जा सकता है।

उन्होंने बताया कि यह केवल सामान्य उम्र में ज्ञान-संबंधी गिरावट में काम करेगा, जबकि अल्जाइमर रोग और मनोभ्रंश में देखी गई गिरावट में नहीं।

वैज्ञानिकों ने कहा, हम जानते हैं कि इस प्रोटीन में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि, इसका समाधान औषधीय तरीके से किया जा सकता है।