विज्ञान

वैज्ञानिकों ने बनाया डीएनए डिवाइस, दो घंटों के भीतर लगा सकता है पेड़ में लगे कीड़ों का पता

Lalit Maurya

एशियाई जिप्सी मोथ्स कई महत्वपूर्ण पौधों और पेड़ों को अपना शिकार बना सकते हैं जबकि सफेद पाइन ब्लिस्टर लगने के कुछ वर्षों में ही किसी भी पेड़ को मार सकता है| ऐसे में इन कीड़ों से निपटना जरूरी है| पर सिर्फ पेड़ पर या लकड़ी पर मौजूद धब्बों को देखकर इन कीड़ों का पता नहीं लगाया जा सकता| 

वर्तमान में इन कीड़ों को पहचानने के लिए जो विधि प्रयोग की जा रही है उसके लिए नमूनों को पहले परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजना पड़ता है| जिसमें काफी समय लग जाता है| लेकिन अब वैज्ञानिकों ने डीएनए आधारित पोर्टेबल डिवाइस को बनाने में सफलता हासिल की है, जो दो घंटों के अंदर पेड़ में लगे कीड़ों का पता लगा सकता है| यह उपकरण डीएनए पर आधारित है| साथ ही इसके लिए जटिल प्रक्रियाओं और केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है| यह डिवाइस यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्रिटिश कोलंबिया द्वारा बनाया गया है| जिससे जुड़ा शोध जर्नल प्लोस वन में प्रकाशित हुआ है|

कैसे काम करता है यह डिवाइस

इस डिवाइस को बनाने वालों में प्रमुख प्रोफेसर रिचर्ड हैमिलिन के अनुसार कई बार पेड़ पर मौजूद धब्बे सिर्फ आम निशान होते हैं| पर कई बार वो कोई हानिकारक फंगस या फिर विदेशी से शिपिंग कंटेनर में आया कीट हो सकता है, जो जल्द ही स्थानीय पार्कों, जंगलों और खेतों में फ़ैल सकता है| ऐसे में जितना जल्दी हो सके इसकी पहचान करना जरुरी है|" उनका यह शोध जीनोमिक्स का उपयोग करके इनवेसिव कीटों और रोगजनकों के बेहतर तरीके से पता लगाने और निगरानी के तरीकों को डिजाइन करने पर केंद्रित है| 

कीट का पता लगाने के लिए पत्तियों, शाखाओं के हिस्सों या कीटों के पंखों और अन्य छोटे नमूनों को एक ट्यूब में रख दिया जाता है| फिर इस ट्यूब को एक बैटरी से चलने वाले फ्रैंकलिन थर्मो साइक्लर डिवाइस से जोड़ दिया जाता है| यह डिवाइस इस कीट के डीएनए को डेटाबेस में मौजूद प्रजातियों के जीनोमिक डेटा से मिलान करता है| यदि डाटा मेल खाता है तो यह सिग्नल उत्पन्न करता है| जिसे इससे जुड़े स्मार्टफोन की मदद से प्रदर्शित किया जा सकता है| 

हैमिलिन के अनुसार इस डिवाइस की मदद से हम पूरी सटीकता से कीड़ों का पता लगा सकते हैं कि क्या वह डेटाबेस से मिलता है या नहीं| इस तरह से हम आसानी से नुक्सान पहुंचाने वाले कीटों को पहचान  हैं| उनके अनुसार इस उपकरण की मदद से हम एक ही समय में अलग-अलग प्रजातियों के 9 सैम्पल्स का विश्लेषण कर सकते हैं| इसके साथ ही यह वजन में काफी हल्का होता है| एक थर्मोसाइक्लर का वजन करीब 1.3 किलोग्राम होता है| इसी वजह से इसे अपने बैग में भी रखा जा सकता है|