विज्ञान

वैज्ञानिकों ने सिट्रस फलों में खोजा चीनी का प्राकृतिक विकल्प

वैज्ञानिकों ने सिट्रस फलों में एक कृत्रिम स्वीटनर, 'ऑक्सीम वी' के भी प्राकृतिक स्रोत की खोज की है, जिसे इससे पहले कभी प्राकृतिक स्रोतों से नहीं खोजा गया था

Lalit Maurya

वैज्ञानिकों ने पहली बार सिट्रस यानी खट्टे फलों जैसे संतरा, चकोतरा, नारंगी आदि में प्राकृतिक मिठास यानी नेचुरल स्वीटनर्स खोज की है, जो फूड इंडस्ट्री का भविष्य बदल सकते हैं। यह खोज यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के इंस्टीट्यूट ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चरल साइंसेज के वैज्ञानिकों ने की है।

वैज्ञानिकों का कहना है सिट्रस फलों में खोजे गए इन प्राकृतिक घटकों को मिठास के लिए चीनी के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है। देखा जाए तो शर्करा उन सभी खाद्य पदार्थों जैसे फल, सब्जियों और अनाज आदि में होती है, जिनमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं। हमारे शरीर को भी शर्करा की जरूरत होती है लेकिन इससे बहुत ज्यादा लगाव शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

पता चला है कि इसका जरूरत से ज्यादा उपयोग हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर से लेकर संज्ञानात्मक गिरावट का कारण बन सकता है। ऐसे में वैज्ञानिक लम्बे समय से इसके एक ऐसे विकल्प की खोज में लगे हैं, जो प्राकृतिक होने के साथ-साथ उनमें कैलोरी की मात्रा न के बराबर हो और वो हमारे शरीर के लिए भी हानिकारक न हो।

देखा जाए तो कृत्रिम मिठास यानी आर्टिफिशियल स्वीटनर के घटक जैसे सैकरीन और सुक्रालोज इसका विकल्प हो सकते हैं। इनमें कैलोरी भी कम होती है, लेकिन दिक्कत यह है कि यह घटक स्वाद पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।

साथ ही लम्बे समय तक इनका उपयोग स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इस बारे में फ्रेंच नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ की एक रिसर्च से पता चला है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

वहीं यदि नेचुरल स्वीटनर को देखें तो स्वाभाविक रूप से प्राप्त होने वाली इस मिठास को फलों से प्राप्त करना मुश्किल होता है। यह नेचुरल स्वीटनर स्वाभाविक रूप से खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, जैसे कि ग्लूकोज और फ्रुक्टोज।

पहली बार प्राकृतिक रूप से खोजा गया आर्टिफिशियल स्वीटनर 'ऑक्सीम वी'

आज तक, केवल छह सिंथेटिक और दो प्राकृतिक स्वीटनर खोजे और उपयोग किए जा रहे हैं जिन्हें अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा अनुमोदित किया गया है। हालांकि इनका उत्पादन महंगा है और कुछ का स्वाद उतना अच्छा नहीं है।

इसी को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के वैज्ञानिकों ने सिट्रस फलों में मिठास बढ़ाने वाले यौगिकों की खोज की है। इसके लिए उन्होंने मेटाबोलामिक्स-आधारित दृष्टिकोण का उपयोग किया है।

सिट्रस फलों के बारे में शोध से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि यह फल मिठास के बेहतर संभावित स्रोत माने जाते हैं, जिनमें कैलोरी नहीं होती। अपने इस अध्ययन में वैज्ञानिकों को सिट्रस फलों की 11 किस्मों में आठ नए प्राकृतिक स्वीटनर या मिठास बढ़ाने वाले यौगिकों की खोज की है।

इनमें एरियोडिक्ट्योल, हेस्पेरेटिन, एसीटॉक्सी-5,7-डायहाइड्रॉक्सी-4'-मेथॉक्सीफ्लेवनोन (एडीएमएफ), डायहाइड्रोक्वेरसेटिन-3-एसीटेट-4'-मिथाइल ईथर (डीएएमई), हर्नान्डुलसिन, 4β-हाइड्रॉक्सीहर्नंडुलसीन, पेरिलाल्डिहाइड और ऑक्सीम वी शामिल थे।

इस बारे में शोध से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर यू वांग ने जानकारी दी है कि हमने इन सिट्रस फलों में एक कृत्रिम स्वीटनर, 'ऑक्सीम वी' के भी प्राकृतिक स्रोत की खोज की है, जिसे इससे पहले कभी प्राकृतिक स्रोतों से नहीं खोजा गया था।

उनके अनुसार यह खोज सिट्रस उत्पादकों और ब्रीडर के लिए नए अवसर पैदा कर सकती है। साथ ही उनकी मदद से बेहतर स्वीटनर यौगिकों को प्राप्त किया जा सकता है। यह शोध जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री में प्रकाशित हुआ है।

देखा जाए तो प्रोसेस फ़ूड में चीनी के उपयोग को कम करना खाद्य और पेय उद्योग के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रणाली का भी लक्ष्य है। उपभोक्ता मीठा स्वाद तो चाहते हैं, लेकिन साथ ही वो चीनी की बढ़ती खपत को लेकर भी चिंतित है। ऐसे में यह खोज इस समस्या को हल करने में मददगार साबित हो सकती है।