विज्ञान

दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया को खत्म करेगा पेड़ों में पाया जाने वाला 'हाइड्रोक्विनिन'

पेड़ों में पाया जाने वाला यह कार्बनिक यौगिक हाइड्रोक्विनिन एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है

Lalit Maurya

वैज्ञानिकों ने पेड़ों में पाए जाने वाले एक ऐसे यौगिक की खोज की है जो दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया को मारने की क्षमता रखता है। इस बारे में की गई नई रिसर्च से पता चला है कि पेड़ों में पाया जाने वाला यह कार्बनिक यौगिक “हाइड्रोक्विनिन” एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। गौरतलब है कि इसका उपयोग मलेरिया के उपचार के लिए भी किया जाता है। 

विशेषज्ञों की मानें तो दुनिया भर में रोगाणुरोधी प्रतिरोध सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक बन गया है। आमतौर पर यह तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी समय के साथ बदलते रहते हैं और उनपर दवाओं का असर नहीं होता है, जिससे संक्रमण का इलाज करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इस तरह के संक्रमण से निपटने के लिए नई रोगाणुरोधी दवाओं के विकास की सख्त जरूरत है।

इस बारे में पोर्ट्समाउथ और थाईलैंड में नारेसुआन और पिबुलसोंगक्रम राजाभात विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों द्वारा किए अध्ययन से पता चला है कि कुछ पेड़ों की छाल में पाया जाने वाला हाइड्रोक्विनिन किसी भी बैक्टीरियल स्ट्रेन को रोक सकता है। गौरतलब है कि हाइड्रोक्विनिन को पहले ही इंसानों में मलेरिया के खिलाफ एक प्रभावी एजेंट के रूप में जाना जाता है। लेकिन अब तक इसके दवा प्रतिरोधी गुणों के बारे में बहुत कम जांच हुई है।

इस रिसर्च के ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि इस कार्बनिक यौगिक के रोगाणुरोधी गुण इसे भविष्य में चिकित्सीय जांच के लिए एक संभावित उम्मीदवार बनाते हैं। इस बारे में पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय से जुड़े वैज्ञानिक डॉक्टर रॉबर्ट बाल्डॉक का कहना है कि बैक्टीरिया पर किए अध्ययनों से हमें पता चला है कि हाइड्रोक्विनिन आम मल्टीड्रग-रेसिस्टेन्स रोगजनक 'स्यूडोमोनास एरुगिनोसा' के साथ-साथ कई सूक्ष्मजीवों को खत्म करने में सक्षम है।

हर साल 12.7 लाख लोगों की जान ले रहा है एंटीबायोटिक रेसिस्टेन्स

जानकारी मिली है कि संक्रमण के 28 लाख मामलों में हर साल ड्रग रेजिस्टेंस बैक्टीरिया होते हैं। जो हर साल 35 हजार से ज्यादा लोगों की मौत के लिए जिम्मेवार हैं। देखा जाए तो सामान्य एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी "सुपरबग्स", सेप्सिस, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन्स और निमोनिया सहित कई बीमारियों का कारण बनते हैं। वहीं आंकड़े दर्शाते हैं कि बैक्टीरिया पी एरुगिनोसा के कारण रक्त प्रवाह में होने वाला संक्रमण के मामले में मृत्यु दर 50 फीसदी तक जा सकती है।

वैश्विक स्तर पर एंटीबायोटिक रेसिस्टेन्स का खतरा कितना बड़ा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसने 2019 में सीधे तौर पर 12.7 लाख लोगों की जान ली थी। वहीं अनुमान है कि 2019 में मरने वाले 49.5 लाख लोग कम से कम एक दवा प्रतिरोधी बैक्टीरियल संक्रमण से पीड़ित थे। देखा जाए तो दुनिया के सामने एंटीबायोटिक रेसिस्टेन्स का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसे और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

रिसर्च में यह भी सामने आया है कि यह जीवाणु दवाओं से बचने के लिए अपने बचाव के मुख्य तंत्रों में से एक को उपचार के साथ अपग्रेड कर सकते हैं। जो इन बैक्टीरिया में बचाव की एक मजबूत प्रतिक्रिया का संकेत देता है। उनके अनुसार इस यौगिक के बारे में ज्यादा जानकारी हमारे लिए भविष्य में इस तरह के जीवाणुओं के खिलाफ सुरक्षा की एक और पंक्ति तैयार कर सकती है।