विज्ञान

इंजीनियरों ने बनाया पीने के पानी से आर्सेनिक हटाने का कम लागत वाला उपकरण

Dayanidhi

आर्सेनिक नामक एक प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले केमिकल का उच्च स्तर दुनिया भर के कई देशों में पाया जाता है। इसकी वजह से भूजल, जैसे कुएं का पानी प्रदूषित होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ साइंसेज के अनुसार, आर्सेनिक से प्रदूषित पानी पीने से स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। इससे त्वचा, फेफड़े, मूत्राशय, गुर्दे और यकृत कैंसर सहित गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

अब अमेरिका के मिसौरी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के इंजीनियरों ने एक कम लागत वाला पानी का फिल्टर डिजाइन किया है, जो घरेलू पीने के पानी से आर्सेनिक को हटा सकता है। लाखों लोगों को आर्सेनिक से प्रदूषित पानी से होने वाले रोगों, पानी पीने से होने वाले खतरों को कम कर सकता है।

आर्सेनिक के अलावा, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि उनका फिल्टर डिजाइन का उपयोग पीने के पानी से अन्य दूषित पदार्थों, जैसे सीसा को खत्म करने के लिए भी किया जा सकता है। एमयू शोधकर्ताओं का मानना है कि घरेलू उपयोग के लिए यह पानी छानने वाला सबसे सस्ता और अच्छा डिजाइन है।  

शोधकर्ता वांग का मानना है कि उनके फ़िल्टर करने के तरीके से एक फायदा है क्योंकि इसकी उम्र लंबी होती है, इसे लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है।

वांग ने कहा हालांकि कुछ सामग्रियों को पहले विकसित किया गया है जो आर्सेनिक को जल्दी से हटा सकते हैं, इस तरह के उपकरण व्यावसायिक रूप से आज बहुत कम उपलब्ध हैं क्योंकि वो बहुत महंगे हैं। इसलिए, इस अध्ययन के साथ, हम दो सामग्रियों को शामिल कर रहे हैं। साथ ही इसमें एक फिल्टर डिजाइन भी लगा हुआ हैं।

पानी से आर्सेनिक को तेजी से सोखने वाली सामग्री इसमें फंस जाती है, फिर फंसे हुए आर्सेनिक को यह दूसरी जगह जमा कर देता है। यह डिजाइन आज उपलब्ध वर्तमान फिल्टर की तुलना में सस्ता है, इस पर विचार करते हुए दो सामग्री एक साथ काम कर सकती हैं। वैकल्पिक रूप से, यह प्रक्रिया रात भर चलती है जब लोग सो रहे होते हैं और अगली सुबह लोगों को पीने का सुरक्षित, शुद्ध पानी उपलब्ध हो जाता है।  

सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के एक अध्ययनकर्ता प्रोफेसर बाओलिन डेंग ने कहा आर्सेनिक से प्रदूषित पानी ग्रामीण क्षेत्रों में एक गंभीर समस्या है जो बड़े सार्वजनिक जल प्रणालियों से नहीं जुड़ा है। यह अध्ययन वाटर रिसर्च में प्रकाशित हुआ है।

भारत में कई राज्यों में जहां भूजल का उपयोग पीने के पानी के प्राथमिक स्रोत के रूप में किया जाता है, वहां आर्सेनिक की अधिक मात्रा है, तथा कुछ जगहों पर बहुत अधिक होने की आशंका है। दुनिया के अन्य हिस्सों में, जैसे कि बांग्लादेश में पानी सबसे अधिक आर्सेनिक से प्रदूषित है। उदाहरण के लिए, वहां लाखों लोग आर्सेनिक की उच्च मात्रा वाला पानी पीते हैं।