विज्ञान

खगोलविदों ने सौर मंडल से बाहर नए छोटे- नेपच्यून ग्रह की खोज की  

नई मिली दुनिया, जिसका नाम टीओआई-2018 बी रखा गया है, यह पृथ्वी से लगभग दो गुना बड़ा और नौ गुना अधिक विशाल है

Dayanidhi

खगोलविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने तारे के पास परिक्रमा कर रहे एक नए मिनी- नेपच्यून एक्सोप्लैनेट की खोज के बारे में बताया है। नई मिली एलियन दुनिया, जिसका नाम टीओआई-2018 बी रखा गया है, यह पृथ्वी से लगभग दो गुना बड़ा और नौ गुना अधिक विशाल है।

नासा का ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (टीईएसएस) छोटे चट्टानी दुनिया से लेकर गैसीय एक्सोप्लैनेट की खोज के उद्देश्य से सूर्य के निकट लगभग 2,00,000 सबसे चमकीले सितारों का सर्वेक्षण किया है। अब तक, इसमें लगभग 6,700 एक्सोप्लैनेट (टीईएसएस ऑब्जेक्ट ऑफ इंटरेस्ट, या टीओआई) की पहचान की गई है, जिनमें से 350 की अब तक पुष्टि की जा चुकी है।

अब, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैलटेक) के फी दाई के नेतृत्व में खगोलविदों के एक टीम ने हाल ही में धातु वाले बौने सितारों के बीच पारदर्शी ग्रहों की खोज की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि, टीओआई-2018 बी जिसे बीडी+29 2654 के रूप में भी जाना जाता है। एक कम धातु वाले के -बौना तारा जो लगभग 91.4 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।

शोध के अनुसार, टीओआई-2018 बी की त्रिज्या लगभग 2.27 पृथ्वी की त्रिज्या और द्रव्यमान के लगभग 9.2 पृथ्वी द्रव्यमान है, जो हाइड्रोजन या हीलियम के आवरण या बर्फ की चट्टान के साथ पृथ्वी जैसा दिखता है। ग्रह के हर 7.44 दिनों में अपने मेजबान तारे की परिक्रमा करता है और इसका संतुलन तापमान 652 के होने का अनुमान है।

शोधकर्ताओं ने गौर किया कि टीओआई-2018 बी के अपेक्षाकृत भारी द्रव्यमान को ध्यान में रखते हुए, यह सौरमंडल के बाहर इस विशाल ग्रह का निर्माण के बारे में पता चलता है। यह लगभग 10 पृथ्वी द्रव्यमान या कम-धात्विक वातावरण के करीब है। इसलिए, शोधकर्ताओं का मानना है कि टीओआई-2018 बी  एक ग्रह का आंतरिक भाग हो सकता है जो आगे बढ़ने में विफल रहा।

खगोलविदों ने कहा यह अजीब लग सकता है कि टीओआई-2018 बी के बड़े द्रव्यमान को देखते हुए यह आगे बढ़ने में विफल रहा। यह हो सकता है कि टीओआई-2018 बी के पास प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क से पहले आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त समय नहीं रहा होगा, उससे पहले ही यह नष्ट हो गया होगा।

दाई की टीम ने टीओआई-2018 बी के आसपास एक और वस्तु का भी पता लगाया है, जो एक एक्सोप्लैनेट हो सकता है। यह पृथ्वी से लगभग 50 फीसदी  बड़ा है और इसका द्रव्यमान पृथ्वी के 3.6 द्रव्यमान से अधिक न होने का अनुमान है। इस वस्तु की ग्रह स्थिति की पुष्टि करने के लिए अनुवर्ती अवलोकन की आवश्यकता है।

जब मेजबान तारे के गुणों की बात आती है, तो यह सूर्य से लगभग 40 फीसदी छोटा और कम विशाल होता है। 2.4 अरब वर्ष पुराने इस तारे का प्रभावी तापमान 4,174 के है और इसकी धात्विकता -0.58 के स्तर पर मापी गई है। यह शोध प्री-प्रिंट सर्वर एआरक्सिव नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।