अक्टूबर महीने की शुरुआत के साथ ही इस साल के नोबेल नोबेल पुरस्कारों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बार चिकित्सा क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार वैज्ञानिक कैटेलिन कैरिको और ड्रू वीसमैन को दिया गया है। बता दें कि इन दोनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार कोविड-19 के प्रभावी टीकों से जुड़ी उनकी खोज के लिए दिया गया है।
इन दोनों ही वैज्ञानिकों ने महामारी के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीके विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसकी वजह से दुनिया भर में लाखों जिंदगियां बचाई जा सकी।
इस बारे में जानकारी साझा करते हुए नोबेल असेंबली ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी है कि इन दोनों वैज्ञानिकों ने न्यूक्लियोसाइड आधारों को संशोधित करने से जुड़ी महत्वपूर्ण खोजें की है, जिनकी वजह से कोविड-19 के एमआरएनए टीके विकसित हो पाना मुमकिन हो पाया है।
वेबसाइट के अनुसार उनके अभूतपूर्व शोध ने हमारे ज्ञान में क्रांति ला दी कि एमआरएनए, प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ कैसे संपर्क करता है। इसकी वजह से 2020 में महामारी के दौरान टीकों का तेजी से विकास सक्षम हो पाया। बता दें कोविड-19 महामारी हाल के इतिहास में सबसे बड़े स्वास्थ्य संकटों में से एक है। नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन ने विजेताओं की घोषणा की है।
नोबेल असेंबली के मुताबिक, अपनी अभूतपूर्व खोज के माध्यम से, जिसने मूल रूप से हमारी समझ को बदल दिया कि एमआरएनए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ कैसे संपर्क करता है। इसकी वजह से ही संकट की इस घड़ी में प्रभावी टीकों का विकास संभव हो पाया था।
वैज्ञानिकों द्वारा की गई रिसर्च से पता चला है कि आधार-संशोधित एमआरएनए तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने में मददगार हो सकता है और इसका उपयोग कोशिकाओं तक एमआरएनए पहुंचाने के साथ प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
कैटेलिन कैरिको, का जन्म 1955 में हंगरी में हुआ था, उन्होंने 1982 में सेज्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद 1985 तक सेज्ड यूनिवर्सिटी की हंगेरियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में पोस्टडॉक्टरल शोध किया और फिलाडेल्फिया में टेम्पल यूनिवर्सिटी और बेथेस्डा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में अपना पोस्टडॉक्टरल कार्य जारी रखा। 1989 में, वह पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर बन गईं, जहां वह 2013 तक रहीं। बाद में, उन्होंने बायोएनटेक आरएनए फार्मास्यूटिकल्स में उच्च पदों पर काम किया। 2021 से वे सेज्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और पेरेलमैन स्कूल, पेंसिल्वेनिया में सहायक प्रोफेसर हैं।
ड्रू वीसमैन, जिनका जन्म 1959 में लेक्सिंगटन, मैसाचुसेट्स, अमेरिका में हुआ था, उन्होंने 1987 में बोस्टन विश्वविद्यालय से एमडी और पीएचडी की डिग्री हासिल की। उन्होंने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के बेथ इजराइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर में अपना क्लीनिकल ट्रेनिंग पूरी की और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में पोस्टडॉक्टरल शोध किया। 1997 में, वीसमैन ने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में अपना शोध समूह स्थापित किया, जहां उन्होंने वैक्सीन रिसर्च में रॉबर्ट्स फैमिली प्रोफेसरशिप हासिल की और आरएनए इनोवेशन के लिए पेन इंस्टीट्यूट के निदेशक के रूप में कार्य किया।
आज की जाएगी फिजिक्स के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1901 में जब से नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत हुई है, तब से अब तक चिकित्सा के क्षेत्र में 227 लोगों को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है।
गौरतलब है कि 2022 में चिकित्सा के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो को दिया गया था। उन्हें यह पुरस्कार मानव के क्रमिक विकास और निएंडरथल पर किए उनके काम के लिए दिया गया था। गौरतलब है कि स्वांते पाबो एक स्वीडिश जेनेटिस्ट हैं जो विकासवादी आनुवंशिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं और पैलियोजेनेटिक्स के संस्थापकों में से भी एक हैं, जिन्होंने इंसान के निएंडरथल जीनोम पर बड़े पैमाने पर काम किया है।
बता दें कि यह दुनिया का सबसे प्रतिष्टित पुरस्कार है, जिसके तहत विजेताओं को एक स्वर्ण पदक, प्रमाणपत्र और उसके साथ करीब एक करोड़ स्वीडिश क्रोना की राशि पुरस्कार स्वरुप दी जाती है।
सर अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार, मेडिसिन यानी चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार 1901 से किसी भी देश के उस वैज्ञानिक या संगठन को दिया जाता है, जिसने मेडिसिन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। यह उन पांच नोबेल पुरस्कारों में से एक है, जिसे सर अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में सन 1895 में स्थापित किया गया था।
इस कड़ी में आज यानी 3 अक्टूबर को फिजिक्स के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की जाएगी। गौरतलब है कि डॉक्टर सर चंद्रशेखर वेंकट रमन इकलौते ऐसे भारतीय हैं, जिन्होंने 1930 में फिजिक्स यानी भौतिकी का नोबेल खिताब जीता था।
इसके बाद चार अक्टूबर 2023 को केमिस्ट्री के विजेताओं की घोषणा होगी। वहीं साहित्य यानी लिटरेचर के पुरस्कार की घोषणा पांच अक्टूबर को और नोबेल पीस प्राइज की घोषणा छह अक्टूबर 2023 को होगी। वहीं अंत में नौ अक्टूबर को अर्थशास्त्र के नोबेल विजेताओं की घोषणा होगी।