मनोरंजन से हटकर पॉडकास्ट शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और सशक्तिकरण के लिए एक अहम उपकरण के रूप में सामने आए हैं।  फोटो साभार: आईस्टॉक
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

विश्व पॉडकास्ट दिवस विशेष: स्वास्थ्य, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन व सशक्तिकरण का अहम उपकरण साबित हुआ

Dayanidhi

हर साल 30 सितंबर को दुनिया भर में विश्व पॉडकास्ट दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे रोजमर्रा के जीवन पर इस डिजिटल माध्यम के पड़ने वाले व्यापक असर को पहचानने के लिए समर्पित है। शुरुआती दौर से ही पॉडकास्टिंग ने सूचना, मनोरंजन और शिक्षा के हमारे तरीकों को बदल दिया है।

यह एक खास दिन है जब हर जगह लोग पॉडकास्टिंग की अविश्वसनीय दुनिया का जश्न मनाते हैं। यह दिन केवल अपने पसंदीदा शो सुनने के लिए ही नहीं है, बल्कि पॉडकास्ट बनाने वालों की कड़ी मेहनत को पहचानने के लिए भी है।

आज दुनिया भर में पॉडकास्ट प्रसिद्ध हो गया है, दुनिया के हर कोने से श्रोता इसे सुनते हैं। 2000 के दशक की शुरुआत में ऑडियो कंटेंट के एक खास रूप में शुरू हुआ यह एक शक्तिशाली माध्यम बन गया है जो लगभग हर किसी की रुचि को पूरा करता है। राजनीति से लेकर मानसिक स्वास्थ्य तक, हर किसी के लिए एक पॉडकास्ट उपलब्ध है।

विश्व पॉडकास्ट दिवस न केवल कंटेंट क्रिएटर्स का बल्कि उन श्रोताओं का भी जश्न मनाता है जिन्होंने पॉडकास्टिंग को आधुनिक संस्कृति का एक अहम हिस्सा बना दिया है। यात्रा करते समय, व्यायाम करते समय या यहां तक कि घर के काम करते समय भी सुनने की सुविधा के साथ, पॉडकास्ट जानकारी व ज्ञान प्रदान करने और मनोरंजन का एक सुलभ तरीका बन गया है।

पॉडकास्टिंग की शुरुआत 2000 के दशक के मध्य में हुई थी, जब आईपोड जैसे पोर्टेबल ऑडियो उपकरणों ने डिजिटल ऑडियो उपयोग को और अधिक सुविधाजनक बना दिया था। हालांकि 2010 के अंत तक पॉडकास्टिंग बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुई थी। स्पॉटीफाई, गूगल पॉडकास्ट और अमेजन म्यूजिक जैसे स्मार्टफोन और ऑडियो प्लेटफ़ॉर्म के साथ पॉडकास्ट से पहुंच सहज हो गई।

जिस तरह पॉडकास्ट और पॉडकास्टिंग पिछले कुछ सालों में लोकप्रिय हुई, उसी तरह अंतर्राष्ट्रीय पॉडकास्ट दिवस का भी विकास हुआ। साल 2014 में राष्ट्रीय पॉडकास्ट दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पॉडकास्ट की शक्ति को महसूस किए जाने के बाद, उसे अंतर्राष्ट्रीय पॉडकास्ट दिवस, जिसे 30 सितंबर को मनाया जाता है।

विश्व पॉडकास्ट दिवस इस विकास पर प्रकाश डालता है, पॉडकास्ट निर्माताओं और श्रोताओं को यह सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है कि यह माध्यम कितना आगे बढ़ गया है। सरल साक्षात्कार और टॉक शो से लेकर जटिल रूप से निर्मित कथा श्रृंखला तक, प्रारूप शैली और दायरे दोनों में विस्तारित हुआ है। हाल के अध्ययनों के अनुसार, अब दुनिया भर में 50 लाख से अधिक सक्रिय पॉडकास्ट और सात करोड़ से अधिक एपिसोड हैं, जो इस डिजिटल क्रांति की व्यापक पहुंच को सामने लाती हैं।

पिछले कुछ सालों में इसमें लगभग 100 देशों के पॉडकास्टर शामिल हुए हैं, जो पॉडकास्टिंग की विविधतापूर्ण और समृद्ध दुनिया को प्रदर्शित करते हैं। यह दिन पॉडकास्टर और श्रोताओं को एक दूसरे से जुड़ने, साझा करने और उस माध्यम का जश्न मनाने का अवसर प्रदान करता है जो हमारे रोजमर्रा के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।

मनोरंजन से हटकर पॉडकास्ट शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और सशक्तिकरण के लिए एक अहम उपकरण के रूप में सामने आए हैं। कई शिक्षकों और विशेषज्ञों ने विज्ञान, इतिहास और व्यवसाय सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सामग्री देने के लिए पॉडकास्टिंग को अपनाया है। टेड टॉक डेली आदि जैसे पॉडकास्ट ने जटिल विषयों को अधिक सुलभ और आकर्षक बना दिया है, जबकि विशेष पॉडकास्ट ने लोगों को एक साथ आने और अपनी कहानियां साझा करने में मदद की है।

पॉडकास्टिंग की क्षमता का एक शक्तिशाली उदाहरण सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना है। आज कई पॉडकास्ट मानसिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, सामाजिक न्याय आदि पर आधारित हैं। इस विश्व पॉडकास्ट दिवस पर, इन जैसे निर्माता हमें बदलाव को प्रभावित करने और नजरिए को आकार देने के माध्यम की क्षमता की याद दिलाते हैं। यह दिन पॉडकास्टिंग, मार्केटिंग और प्रोडक्शन विशेषज्ञों से सीखने का भी दिन है।