स्वच्छता

फेस मास्क से बनेगी सड़कें, कोरोना से उत्पन्न कचरे से मिलेगा छुटकारा : शोध

दो लेन की सड़क के सिर्फ एक किलोमीटर बनाने के लिए रिसाइकल सामग्री में लगभग 30 लाख मास्क का उपयोग होगा

Dayanidhi

कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी ने न केवल दुनिया भर में स्वास्थ्य संकट पैदा किया है, बल्कि यह अब पर्यावरण को भी खतरे में डाल रहा है। महामारी के खिलाफ लड़ने और इस्तेमाल किए गए व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई किट), फेस मास्क के निपटान से जुड़े पर्यावरणीय खतरों को कम करने के लिए समुचित जानकारी की आवश्यकता होती है। अब शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के कचरे से निपटने का उपाय ढूंढ़ निकाला है।  

शोधकर्ताओं ने बताया कि किस तरह महामारी से उत्पन्न कचरे जैसे- उपयोग किए गए फेस मास्क का इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जा सकता है। इससे दो फायदे होंगे, एक ओर जहां यहां-वहां बिखरे फेस मास्क के कूड़े से निजात मिलेगी, वहीं दूसरी ओर इसका उपयोग कच्चे माल के रूप में किया जाएगा।

अध्ययन से पता चलता है कि दो लेन की सड़क के सिर्फ एक किलोमीटर बनाने के लिए रीसायकल किए गए सामग्री में लगभग 30 लाख मास्क का उपयोग होगा, जिससे 93 टन कचरे को लैंडफिल में जाने से रोका जा सकेगा।

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न की आरएमआईटी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने फेस मास्क का उपयोग कर नई सड़क बनाने वाली सामग्री विकसित की है। यह सामग्री सिविल इंजीनियरिंग सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसमें एक बार उपयोग होने वाले फेस मास्क और भवन बनाने वाले मलबे का मिश्रण शामिल है।

विश्लेषण से पता चलता है कि फेस मास्क सड़कों और फुटपाथ की परतों के लिए डिज़ाइन किए जाने वाले उत्पाद में मजबूती प्रदान करते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) का उपयोग नाटकीय रूप से बढ़ गया है, प्रत्येक दिन दुनिया भर में अनुमानित 680 करोड़ डिस्पोजेबल फेस मास्क का उपयोग किया जाता है।

शोधकर्ता डॉ. मोहम्मद सबेरियन ने कहा कि कोविड-19 के पर्यावरणीय प्रभाव से निपटने के लिए अलग-अलग तरह की जानकारी की आवश्यकता होती है, विशेष कर उपयोग किए गए पीपीई किट के निपटान से जुड़े खतरों को लेकर।

सेबरियन ने कहा इस प्रारंभिक शोध ने सड़कों में एक बार उपयोग किए जाने वाले फेस मास्क को रीसायकल करने की संभावना पर ध्यान दिया और हम यह देखकर उत्तेजित हुए कि यह न केवल काम करता है, बल्कि इसके इंजीनियरिंग लाभ भी है। हमें उम्मीद है कि यह आगे के शोध के लिए दरवाजे खोलेगा, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े खतरों के प्रबंधन के तरीकों के आधार पर काम करेगा। साथ ही इस बात का पता लगाया जा सकेगा कि इसी तरह क्या अन्य प्रकार के पीपीई भी रीसाइक्लिंग के लिए उपयुक्त होंगे।

मास्क से सड़कें बनाना

सड़कें चार परतों से बनी होती हैं: उप-श्रेणी, आधार, उप-आधार और सबसे ऊपर डामर होता है। भारी वाहनों के दबाव को झेलने और टूटने से रोकने के लिए सभी परतों को मजबूत और लचीला दोनों होना चाहिए। संसाधित भवन के मलबे, रीसायकल कंक्रीट एग्रीगेट (आरसीए) के रूप में जाना जाता है। संभवतः तीन आधार परतों के लिए अपने आप ही इसका उपयोग किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने आरसीए में फेस मास्क को मिलाते हुए दो मोर्चों पर पर्यावरणीय चुनौतियों को हल करते हुए सामग्री को बनाया, जिसमें पीपीई निपटान और निर्माण अपशिष्ट का उपयोग किया गया।

शोध ने एक सर्वोत्तम मिश्रण की पहचान की, 99 फीसदी आरसीए के लिए 1 फीसदी फेस मास्क जो दो सामग्रियों के बीच अच्छा सामंजस्य बनाए रखते हुए मजबूती प्रदान करता है। मिश्रण पर तनाव, एसिड और पानी के प्रतिरोध के साथ-साथ ताकत संबंधी परीक्षण किए गए, जहां इसने अच्छा प्रदर्शन किया।

इस प्रयोगात्मक शोध में अप्रयुक्त सर्जिकल फेस मास्क की एक छोटी मात्रा में उपयोग किया गया था, अन्य शोधों में इस्तेमाल किए गए मास्कों को पूरी तरह से कीटाणुरहित और स्टरलाइज़ करने के बाद उपयोग किया गया। यह अध्ययन साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट में प्रकाशित किया गया है।  

कीटाणुओं को समाप्त  करने वाली तकनीको की एक व्यापक समीक्षा में पाया गया कि 99.9 फीसदी वायरस आसान 'माइक्रोवेव विधि' से मारे जा सकते हैं, जहां मास्क में एक एंटीसेप्टिक घोल का छिड़काव किया जाता है, फिर एक मिनट के लिए उस पर माइक्रो तंरग (माइक्रोवेव) डाली जाती है।

संबंधित शोध में आरएमआईटी के शोधकर्ताओं ने प्रारंभिक निष्कर्षों के साथ, ठोस बनाने के लिए एक मिश्रित सामग्री के रूप में डिस्पोजेबल फेस मास्क के उपयोग की भी जांच की है। आरएमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग रिसर्च टीम का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर जी ली ने कहा कि टीम कई लोगों को अपनी स्थानीय सड़कों पर कूड़ा खासकर फेस मास्क फेंकते देखकर इसका उपयोग निर्माण सामग्री में करने की बात ठानी।

उन्होंने कहा हम जानते हैं कि भले ही ये फेस मास्क सही तरीके से निपटाए गए हों, फिर भी वे लैंडफिल में जाएंगे या उन्हें जलाया जाएगा। कोविड-19 महामारी ने न केवल एक वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक संकट पैदा किया है, बल्कि पर्यावरण पर भी नाटकीय प्रभाव पड़ा है। अगर हम इस बड़े पैमाने पर बर्बादी की समस्या के लिए सर्कुलर अर्थव्यवस्था ला सकते हैं, तो हम अपनी आवश्यकता के अनुसार स्मार्ट और टिकाऊ समाधान विकसित कर सकते हैं।