भोपाल से 18 किलोमीटर दूर आदमपुर छावनी स्थित अर्जुन नगर कचरा खंती में गत रविवार (5 मई,2019) से लगी आग पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है, बल्कि यह आग बढ़कर कचरे के ढेर में 15-20 फीट नीचे तक जा पहुंची है। यहां आग बुझाने का काम करने वाले नगर निगम कमियों का कहना है कि यह आग तो इतनी गहरे तक पहुंच चुकी है कि अब आगामी बारिश से पहले बझने से रही।
रविवार को खंती में आग एक बार फिर से भड़क उठी और नगर निगम ने फिर आग बुझाने के प्रयास आरंभ कर दिए हैं । नगर निगम के फायर अमले के आग बुझाने के अब तक के प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं।आग बुझाने में जुटे फायरकर्मी अब खुद यह कहने लगे हैं कि आग इतनी गहराई तक पहुंच गई है कि बारिश से पहले उसका बुझ पाना संभव नहीं है।
ध्यान रहे कि गत 21, अप्रैल की दोपहर में लगी आग बुझाने में लगा निगम अमला अब तक पानी के प्रेशर से आग बुझाने के प्रयास कर चुका है। लेकिन, आग बार-बार भभक जाती है। अमला एक तरह से आग बुझाकर जैसे आगे बढ़ता है कुछ ही देर में वहां से फिर धुंआं उठने लगता है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि जहां खंती है, वह पथरीली व पठारी जगह है। ऐसे में यहां कचरा तेजी से सूखा हुआ है और इसके कारण जल्दी-जल्दी आग पकड़ लेता है। फायर फाइटर से कचरे के ऊपर की आग तो बुझ जाती है, लेकिन नीचे से फिर सुलग उठती है। बीच-बीच में वहां तेज हवा और हवा के बवंडर उठते हैं। हवा चलने पर आग की जरा सी चिंगारी बड़ा रूप ले लेती है। यही वजह है कि रह-रहकर कचरा खंती से आग की लपटें और धुंए का गुबार उठ रहा है। निगम ने मशीन से कचरा पलटकर गहराई तक आग बुझाने के प्रयास किए हैं। इससे यह तो पता चल गया कि आग 20 फीट की गहराई तक पहुंच चुकी है।
ध्यान रहे कि यहां नया लैंडफील दो साल पहले ही बनाया गया है। चूंकि भोपाल का भानपुरा खंती पूरी तरह से भर चुका था ऐसे में नगर निगम ने इस गांव को नया लैंडफील बनाया इस आश्वासन के साथ इस कचरे का वैज्ञानिक तरीके से खत्म किया जाएगा। इससे आसपास के गांव वालों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। लेकिन यहां सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि इस कचरे में गर्मियों में जब तक आग लग जाती है। इस आग लगने का असर यह होता है कि आसपास बसे लगभग सात गांव के लगगभ 15 से 20 हजार लोग वायु प्रदूषण से प्रभावित होते हैं। अब अब तक भोपालवासी इस पठारी इलाकों में शाम को तफरी करने आते थे लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि भोपाल से इस गांव तक की सड़क पर चलना आम लोगों के लिए मुश्किल हो गया गया है।
इनपुट : राजा दुबे