स्वच्छता

कार्रवाई न होने के कारण सिलचर में बड़े पैमाने पर डंप किया जा रहा है कचरा

एनजीटी ने सिलचर में बड़े पैमाने पर डंप किए जा रहे कचरे की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सरकारी विभागों को नोटिस भेजने का निर्देश दिया है

Susan Chacko, Lalit Maurya

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सिलचर में बड़े पैमाने पर डंप किए जा रहे कचरे की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सरकारी विभागों को नोटिस भेजने का निर्देश दिया है।

यह शिकायत नागरिक स्वार्थरक्षा संग्राम परिषद द्वारा की गई थी। गौरतलब है कि इस मामले में कई बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों ने मामले पर आंखे मूंदी हुई थी। ऐसे में 18 अप्रैल 2024 को दिए अपने निर्देश में ट्रिब्यूनल ने असम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सिलचर म्युनिसिपल बोर्ड समेत कई अधिकारियों को नोटिस भेजने का आदेश दिया है। इस मामले में उन्हें चार सप्ताह के भीतर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है।

इस शिकायत में कहा गया है कि सिलचर में हर दिन करीब 100 टन कचरा पैदा हो रहा है। इसमें से 60 टन मेहरपुर डंपिंग ग्राउंड में डंप कर दिया जाता है, जबकि शेष 40 टन खाली मैदानों और नालियों सहित अन्य जगहों पर में फेंका जा रहा है।

यह भी आरोप है कि इस कचरे की वजह से सिलचर में नालियां पूरी तरह से जाम हो गई हैं। खासकर बारिश के मौसम में जब शहर जलमग्न हो जाता है तब गन्दा पानी फैल जाता है।

शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि उन्होंने सिलचर नगर बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी को कई पत्र भेजे हैं। सबसे पहले, 24 फरवरी, 2022 को, एनएन दत्ता रोड पर सफाई अभियान की आवश्यकता को संबोधित करते हुए उन्हें एक पत्र भेजा गया था, जिसमें सिलचर में सड़कों से कचरा हटाने और नालियों की सफाई का आग्रह किया गया था। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में आठ मार्च, 2022 को उन्हें एक और पत्र भेजा गया, जिसमें कचरा का निपटान करने पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया गया था।

हालांकि इस पर भी कोई सुनवाई नहीं है। इसके बाद 29 मार्च, 2022 को एक और पत्र में चेंगकोरी रोड के निवासियों और दुकान मालिकों के लिए कचरा एकत्र करने के लिए पात्र उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। इसके अतिरिक्त, 26 अप्रैल, 2022 को एक अन्य पत्र के माध्यम में सत्संग आश्रम रोड बाजार, आजाद हिंद रोड और चेंगकोरी के निवासियों और दुकान मालिकों द्वारा कचरा एकत्र करने के लिए डस्टबिन उपलब्ध कराने की मांग को दोहराया गया था, हालांकि इसपर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

ओढ़नी नदी पर भू-माफियाओं द्वारा किए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एनजीटी ने दिया कार्रवाई का निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की पूर्वी पीठ ने बांका के जिलाधिकारी को ओढ़नी नदी के कुछ हिस्सों पर भू-माफियाओं द्वारा किए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ट्रिब्यूनल ने यह निर्देश 18 अप्रैल 2024 को जारी किया है।

इसके साथ ही अदालत ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और बांका के जिला मजिस्ट्रेट को उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ पर्यावरणीय मुआवजा निर्धारित करने और नियमों को ध्यान में रखते हुए उसकी वसूली करने को भी कहा है।

अदालत को दायर दस्तावेजों से पता चला है कि अधिकारियों की अनुमति के बिना ओढ़नी नदी के किनारे एक कच्ची सड़क का निर्माण किया जा रहा था। जो नदी का अतिक्रमण कर रही थी। अदालत ने इस बात पर हैरानी जताई है कि बांका के जिला मजिस्ट्रेट के निष्कर्षों के बावजूद इन लोगों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई क्यों शुरू नहीं की गई, जिन्होंने नदी के किनारे मिट्टी डालकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है।

सिक्किम में ईंधन डिपो के निर्माण सम्बन्ध में एनजीटी ने अधिकारियों से मांगा जवाब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 18 अप्रैल, 2024 को योध बीडीआर थापा द्वारा दायर एक 'निष्पादन आवेदन' पर सुनवाई की थी। इस आवेदन में उन्होंने एनजीटी द्वारा 17 अप्रैल, 2023 को दिए आदेश का पालन किया जाए यह सुनिश्चित करने की मांग की थी।

गौरतलब है कि इस आदेश में ट्रिब्यूनल ने सिक्किम के पाक्योंग के मजीथा में प्लॉट नंबर 2242 पर ईंधन डिपो के निर्माण पर रोक लगा दी थी। इस डिपो का निर्माण भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा किया जा रहा था।

उन्होंने ईंधन डिपो के निर्माण से पहले एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश देने की मांग की थी। इस मानक संचालन प्रक्रिया में यह डिपो कहां बनाया जा सकता है, वे कितने बड़े हो सकते हैं, उन्हें अन्य स्थानों से उनकी कितनी दूर होना चाहिए जैसे महत्वपूर्ण विवरण और उनके सम्बन्ध में नियम शामिल करने की मांग की गई थी।

वे यह भी चाहते थे कि सिक्किम राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विशेष रूप से सिक्किम में ईंधन स्थानों के निर्माण के लिए इस तरह के नियम तैयार करे।

ऐसे में 18 अप्रैल 2024 को, एनजीटी ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और सिक्किम राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित संबंधित पक्षों को नोटिस भेजने का आदेश दिया है। इन सभी पक्षों अगली सुनवाई से पहले जवाबी हलफनामे दाखिल करने को कहा गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 24 मई, 2024 को होगी।