नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 17 अक्टूबर 2023 को दिल्ली के मुख्य सचिव से ट्रिब्यूनल द्वारा 21 दिसंबर, 2022 को दिए आदेश के संदर्भ में की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि यह आदेश दिल्ली के उन इलाकों में सेप्टेाज के प्रबंधन से जुड़ा है, जहां सीवर सिस्टम नहीं है।
मामला सड़कों और नालों में अवैध रूप डंप किए जा रहे सीवेज से जुड़ा है, जिससे प्रदूषण होने के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। 21 दिसंबर, 2022 को पिछले आदेश में, ट्रिब्यूनल ने 18 दिसंबर, 2022 को जारी एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव को संबंधित विभागों और अधिकारियों के साथ मिलकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
इसी आदेश में, अदालत ने जिन क्षेत्रों में सीवर प्रणाली नहीं है, उन क्षेत्रों में सेप्टेज प्रबंधन से जुड़े गंभीर मुद्दे पर भी गौर किया था। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने और आधिकारिक तौर पर मान्यता देने के निर्देश दिए गए थे ताकि वहां उचित सेप्टेज निपटान प्रथाओं को लागू किया जा सके।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, ट्रिब्यूनल ने दिल्ली के मुख्य सचिव को कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। हालांकि, दिल्ली के मुख्य सचिव की ओर से अब तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने नौ मई, 2023 को एक रिपोर्ट दायर की थी, लेकिन इस रिपोर्ट में भी स्थिति में सुधार के लिए जमीनी स्तर पर उठाए गए किसी भी प्रभावी कदम का उल्लेख नहीं किया गया है।
सरकारी विभागों को जारी किए जाए नोटिस, सर्कुलर कैनाल में बढ़ते प्रदूषण पर एनजीटी ने दिया निर्देश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 17 अक्टूबर 2023 को उत्तरी कोलकाता के सर्कुलर कैनाल में बढ़ते प्रदूषण और आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ते दुष्प्रभावों को गंभीरता से लेते हुए विभिन्न सरकारी विभागों को नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। इन विभागों में सिंचाई और जलमार्ग विभाग, पर्यावरण विभाग, शहरी विकास विभाग, कोलकाता नगर निगम, पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगरपालिका शामिल हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 29 नवंबर, 2023 को होगी।
गौरतलब है कि 15 अक्टूबर, 2023 को बंगाली अखबार 'बार्टमैन' में एक लेख छपा था जिसमें कहा गया था कि उत्तरी कोलकाता में गैलिफ स्ट्रीट पर सर्कुलर कैनाल संकरी होती जा रही है क्योंकि लोग इसके बहुत करीब निर्माण कर रहे हैं। नहर के किनारे धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने नहर के किनारे बांस और अन्य सामग्रियों का उपयोग करके शौचालय भी बनाए हैं। इससे नहर में कूड़ा-कचरा बह रहा है और विभिन्न हिस्सों में कूड़ा-कचरा डंप किया जा रहा है।
आसनसोल के एगरा में जारी अवैध खनन का खेल
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की पूर्वी बेंच ने 17 अक्टूबर 2023 को आसनसोल के एगरा में होते अवैध खनन के मामले पर खुद ही संज्ञान लिया है। पूरा मामला पश्चिम बंगाल में आसनसोल जिले के रानीगंज में एगरा का है। इस मामले में अदालत ने ईस्टर्न कोलफील्ड्स के महाप्रबंधक के साथ-साथ पश्चिम बर्धमान के जिला मजिस्ट्रेट, पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव और आसनसोल-दुर्गापुर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने यह कदम टाइम्स ऑफ इंडिया में 13 अक्टूबर, 2023 को छपी उस खबर पर संज्ञान लेते हुए उठाया है, जिसमें अवैध खनन के चलते तीन लोगों की जान चली गई थी और एगरा में जमींदोज होने से 10 लोग लापता हो गए थे।
गौरतलब है कि बिना सुरक्षा वाली यह खुली खदान ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की नारायणकुरी कोलियरी का एक हिस्सा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड को इलाके में बाड़ लगाने और रोशनी का प्रबंध करने के लिए कई बार लिखा है लेकिन उसपर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ईसीएल के मजदूरों के चले जाने के बाद लगभग 25 से 30 लोग खदान में दाखिल हुए थे।