भारत में बढ़ता प्लास्टिक कचरा एक बड़ी समस्या बन चुका हो जो पर्यावरण के साथ-साथ, स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
स्वच्छता

पुंछ में सुरन नदी के किनारे की जा रही कचरे की डंपिंग, एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट

जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण समिति ने पुंछ नगर परिषद पर 162.9 लाख का जुर्माना लगाया था, हालांकि उसे अब तक वसूला नहीं गया है

Susan Chacko, Lalit Maurya

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण समिति (जेएंडकेपीसीसी), नगर परिषद, पुंछ और पुंछ के उपायुक्त से ठोस कचरे की अनुचित डंपिंग को रोकने के लिए की गई कार्रवाई पर एक नई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

एनजीटी ने यह निर्देश नौ सितंबर, 2024 को दिया है। गौरतलब है कि मामला जम्मू कश्मीर के पुंछ में शेर-ए-कश्मीर के करीब सुरन नदी के पास ठोस कचरे की अनुचित डंपिंग और निपटान से जुड़ा है।

गौरतलब है कि ट्रिब्यूनल ने 13 मार्च, 2024 को दिए आदेश में इस तथ्य पर ध्यान दिया था कि जेएंडकेपीसीसी ने पुंछ नगर परिषद पर सूरन नदी के तट पर ठोस कचरे की अनुचित डंपिंग और निपटान के लिए 81 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।

ट्रिब्यूनल ने 24 मई, 2024 को दिए आदेश में इस तथ्य पर भी ध्यान दिया था कि 22 मई 2024 को जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण समिति ने पुंछ नगर परिषद पर 162.9 लाख का पर्यावरणीय मुआवजा लगाया था। हालांकि इसे अब तक वसूला नहीं गया है।

अब तक वसूला नहीं गया जुर्माना

24 मई, 2024 को ट्रिब्यूनल ने पाया था कि पुंछ के जिला मजिस्ट्रेट ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जम्मू-कश्मीर पीसीसी द्वारा लगाए गए जुर्माने को वसूलने के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसलिए, उस दिन जिला मजिस्ट्रेट से एक नई रिपोर्ट मांगी गई थी।

हालांकि पुंछ के जिला मजिस्ट्रेट ने अब तक नई रिपोर्ट दायर नहीं की है। अब डिप्टी कमिश्नर/जिला मजिस्ट्रेट को 24 मई, 2024 को किए गए आदेश के अनुसार चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। निर्देश के मुताबिक इस रिपोर्ट में पुंछ नगर परिषद द्वारा ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए आवंटित जमीन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।

22 जुलाई 2024 को पुंछ नगर परिषद के सीईओ ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि पुंछ की वार्ड संख्या 11 में 50,000 मीट्रिक टन पुराना कचरा डंप किया गया है और इसे हटाने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है। वर्चुअल मीटिंग के दौरान सीईओ ने माना कि 11 टन में से रोजाना आठ टन कचरे को प्रोसेस करने के बावजूद, हर दिन कम से कम तीन टन कचरा, पुराने कचरे में डाला जा रहा है।

ऐसे में एनजीटी ने पुंछ नगर परिषद से हर दिन पैदा हो रहे कचरे के साथ पुराने कचरे को दूर करने के लिए तय समयसीमा का खुलासा करने को कहा है। साथ ही उन्हें एक नई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।

अदालत ने यह भी कहा है कि 24 मई, 2024 को दिए कोर्ट के आदेश में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि जेएंडकेपीसीसी ने 31 जनवरी, 2024 तक उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया था। ऐसे में उस दिन के बाद से हुए किसी भी उल्लंघन के लिए, जेएंडकेपीसीसी को अतिरिक्त जुर्माना लगाने के लिए कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।