स्वच्छता

ओडीएफ मध्यप्रदेश में फिर हुई खुले में शौच करते बच्चे की हत्या

पुलिस की जांच में सामने आया है कि पीड़ित और आरोपी दोनों परिवार आसपास रहते थे और दोनों के कच्चे मकान में शौचालय नहीं बना था

Manish Chandra Mishra

पूरा देश स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) का जश्न मना रहा है और इस दावे की पोल मध्यप्रदेश में लगातार खुल रही है। खुले में शौच के बाद हो रही लड़ाइयों में मध्यप्रदेश में पिछले 10 दिनों में तीन मासूम बच्चों की जान जा चुकी है। ताजा मामला सागर जिले का है जहां गुरुवार सुबह डेढ़ साल के बच्चे को पड़ोसी ने खुले में शौच करने की वजह से पीट-पीटकर मार डाला। पिछले महीने शिवपुरी में हुई दो बच्चों की हत्या के दस दिन के बाद ही यह दूसरा मामला है। यह मालमा मध्यप्रदेश के सागर जिले के बानगढ़ थाना क्षेत्र का है। जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर बगसपुर गांव में गुरुवार सुबह डेढ़ वर्ष के बच्चे की हत्या कर दी गई।

पुलिस के मुताबिक विवाद घर के सामने खुले में शौच करने के बाद शुरू हुआ। बीना के सब डिविजनल ऑफिसर ऑफ पुलिस (एसडीओपी) ध्रुव राज सिंह चौहान ने डाउन टू अर्थ से बातचीत में बताया कि गुरुवार सुबह बगसपुर निवासी मोहर आदिवासी के घर के सामने उसके पड़ोसी राम सिंह का बेटा भगवान सिंह खुले में शौच कर रहा था। मोहर आदिवासी को यह बात नागवार गुजरी और वह राम सिंह से लड़ने लगा। दोनों पक्षों में पहले गाली गलौच हुई और फिर नौबत मारपीट की आ गई। बात इतनी बढ़ गयी कि मोहर और उसके बेटे उमेश ने राम आदिवासी पर लाठियों से हमला कर दिया और उसकी बुरी तरह पिटाई की। मारपीट के दौरान डेढ़ साल के बच्चे को भी डंडे से चोट आई और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस मारपीट में राम सिंह आदिवासी को भी चोटें आई हैं। पुलिस ने सूचना मिलते ही दोनों आरोपियों मोहर सिंह और उसके बेटे उमेश को गिरफ्तार कर लिया है।

राम सिंह आदिवासी को अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया है। एसडीओपी चौहान बताते हैं कि थाने की एक टीम मामले की जांच कर रही है और इसमें खुले में शौच के अलावा आपसी रंजिश की भी पड़ताल की जा रही है। शुरुआती जांच के आधार पर पता चलता है कि झगड़ा शौच के मामले के बाद ही शुरु हुआ। आरोपी पीड़ित किसी के घर में नहीं शौचालय पुलिस ने मौके पर आरोपी और पीड़ित दोनों परिवार के घरों का मुआयना किया। एसडीओपी चौहान के मुताबिक उन्हें वहां को शौचालय नजर नहीं आया। दोनों परिवार के लोग खुले में ही शौच जाते थे। पुलिस को आस पड़ोस के लोगों ने बताया कि इन परिवारों ने शौचालय के लिए आवेदन किया हुआ है और जल्द इन्हें राशि मिलने वाली थी। डाउन टू अर्थ ने इस घटना को लेकर जिले के एसपी अमित सांघी और कलेक्टर प्रीति मैथिल से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन वे टिप्पणी करने के लिए मौजूद नहीं थे। 

यहां यह उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में भी उन राज्यों में शामिल है, जिनहें ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, लेकिन शिवपुरी में भी जांच के दौरान गांव में सभी लोगों के शौचालय नहीं बनने की बात सामने आई थी। यही हाल सागर जिले का भी लग रहा है।