नदी

साध्वी पदमावती का एम्स में इलाज जारी, अब आत्मबोधानंद का निराजल अनशन शुरू

Vivek Mishra

अविरल और स्वच्छ गंगा की मांग को लेकर 65 दिनों से अनशन पर रहने वाली साध्वी पद्मावती का इलाज नई दिल्ली स्थित एम्स में जारी है। अभी वह वेंटिलेटर पर हैं। 19 फरवरी को उनकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ था। साध्वी की तीमारदारी में लगे मातृ सदन के सहयोगी ब्रह्मानंद ने डाउन टू अर्थ को बताया कि एम्स आईसीयू के चिकित्सक ने यह सांत्वना दी है कि साध्वी की स्थिति पहले से बेहतर है।

वहीं, दूसरी तरफ हरिद्वार के मातृ सदन में स्वच्छ और अविरल गंगा की मांग के लिए 30 जनवरी, 2019 से ही आत्मबोधानंद ने अनशन शुरु कर दिया था। 19 फरवरी को उन्होंने जल का भी त्याग कर दिया है।

मातृ सदन से 2018 में स्वामी सानन्द जीडी अग्रवाल ने भी अविरल गंगा के लिए लंबा निराजल व्रत किया था जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई थी। ब्रह्मानंद ने कहा कि अभी तक शासन-प्रशासन की ओर से कोई भी मुलाकात या आश्वासन के लिए नहीं आया है।

बृहस्पतिवार को पानी पंचायत के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खत लिखकर साध्वी पदमावती की मांगों को शीघ्र से शीघ्र मानने की फरियाद की गई है। पानी पंचायत के अध्यक्ष नीरज कुमार ने गंगा स्वराज्य की मांग की है। वहीं, अलकनंदा और मंदाकिनी पर कोई बांध न बनाने की मांग को बढ़ाया है। इसके अलावा गंगा के पर्यावरणीय प्रवाह को भी बेहतर करने की मांग की गई है।

30 जनवरी से ही साध्वी पद्मावती के सेहत में गिरावट शुरु हुई। इसके बाद उन्हें स्थानीय दून अस्पताल और फिर रामकृष्ण अस्पताल में रखा गया। वहां से चिकित्सकों ने मातृ सदन के आग्रह पर दिल्ली एम्स के लिए रेफर कर दिया। 17 फरवरी को प्रशासन उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स में भेज रहा था हालांकि मातृ सदन की इच्छा पर उन्हें एम्स दिल्ली ही वापस लाया गया। बहरहाल मातृ सदन में एक नया अनशन शुरू हुआ है और शासन व प्रशासन की तरफ से कोई बयान अभी तक इस मामले में नहीं दिया गया है।