गत दिनों ओंकारेश्वर बांध में बिना पुनर्वास बढ़ाये जा रहे पानी के कारण आज एक विस्थापित पानी मे डूब गया। पानी बढ़ने के कारण ग्राम एखण्ड के दलित विस्थापित दशरथ चैना के घर मे पानी भरने लगा, जिसके कारण उसे मजबूर होकर अपना घर तोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। घर तोड़ने से उसकी लकड़ी पानी मे बहने लगी तो उसको पकड़ते समय उसकी पानी मे डूबने से उसकी मृत्यु हो गई।
दशरथ चैना को सिर्फ उसके घर का मुआवजा मिला था एवं कोई पुनर्वास अनुदान या घर प्लाट नहीं मिला था। राज्य सरकार के आदेश 7 जून, 2013 के अनुसार इन्हें पुनर्वास हेतु पैकेज की पात्रता थी, परंतु बार-बार मांगने पर भी यह पैकेज आज तक नहीं दिया गया है। अतः वह इस पैकेज का इंतजार कर रहा था। परंतु घर मे पानी भरने के कारण उसे मजबूरन अपना घर तोड़ना पड़ा।
सरकार तत्काल पानी घटाकर सम्पूर्ण पुनर्वास करे
ग्राम कामनखेड़ा में जारी जल सत्याग्रह के 6 वे दिन सत्याग्रह स्थल से निकलकर नर्मदा आंदोलन के आलोक अग्रवाल ग्राम एखण्ड में घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने इस घटना पर अत्यंत दुख व्यक्त करते हुए कहा कि विस्थापितों का पुनर्वास न किए जाने के कारण यह घटना हुई है। सरकार निश्चित रूप से इसे बचा सकती थी। हम सरकार से मांग करते हैं कि स्वर्गीय दशरथ चैना के परिवार को रु 10 लाख की सहायता राशि दी जाये। हम फिर से मांग करते हैं कि सरकार तत्काल बांध का जल स्तर घटाकर 193 मीटर तक लाये और सम्पूर्ण पुनर्वास के बाद ही पानी भरा जाये।