छोटा बड़दा गांव (बड़वानी, मध्य प्रदेश) से रहमत
नर्मदा चुनौती सत्याग्रह के तहत नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर का अनशन छठे दिन भी जारी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पाटकर से अनशन समाप्त करने का आग्रह किया, जिसे पाटकर ने प्रभावितों के पुनर्वास की ठोस योजना के अभाव में अस्वीकार कर दिया गया। साथ ही, संघर्ष को और तेज करते हुए भवती, बिजासन, गणपुर, छोटा बड़दा, राजघाट और गांगली के 10 प्रभावितों ने भी अनिश्चितकालीन अनशन प्रारंभ कर दिया है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आंदोलन को कमजोर करने के लिए मध्यप्रदेश के अधिकारी अफवाह फैला रहे हैँ। कुक्षी के एसडीएम ने तो प्रभावितों की कुल संख्या से भी ज्यादा संख्या में लोगों को बचाने का दावा कर दिया है। अधिकारी बचाव अभियान के नाम पर प्रभावितों को गांवों से लोगों को बिना पुनर्वास जबरन खदेड़ रहे हैं। दूसरी ओर केन्द्र और गुजरात सरकार इस बारे में चुप्पी साधे हुए हैं।
आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट पर भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जिस सरदार सरोवर बांध की वजह से गांव के लोग डूबने के कगार पर हैं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री ट्वीट कर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 134 मीटर पर पहुंचने का जश्न मना रहे हैं और देशवासियों से भी इस मनोहारी दृश्य का आनंद लेने को कह रहे हैं। हालांकि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आंदोलनकारियों के साथ संवाद शुरु किया है। इस मामले में गुजरात सरकार और जलस्तर बढ़ाने का आदेश देने वाली एनसीए ने कोई प्रतिकिया नहीं दी है।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने छोटा बड़दा पहुंच कर पाटकर से अपना अनशन समाप्त करने का आग्रह करते हुए सत्याग्रहियों की मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। पाटकर ने आंदोलन को खत्म करने के आग्रह को अस्वीकार कर दिया क्योंकि जलस्तर एक निश्चित स्तर पर नियंत्रित करने की ठोस बात नहीं कही ताकि प्रभावित परिवार पुनर्वास होने तक अपने गांवों में सुरक्षित निवास कर सकें। ध्यान रहे कि बिना पुनर्वास गैरकानूनी डूब के खिलाफ मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के छोटा बड़दा गांव में गत 25 अगस्त 2019 से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह जारी है।