सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में बसे लोगों का जल्द से जल्द पुनर्वास किया जाएगा और उन्हें डूब क्षेत्र से निकाला जाएगा। साथ ही, बांध प्रभावितों का बकाया मुआवजा भी जल्द से जल्द दिया जाएगा। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक में सरकार की ओर से मंत्री सुरेन्द्रसिंह बघेल, जबकि नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर व अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
बैठक पहले भोपाल में होनी थी, लेकिन भोपाल में हो रही भारी बारिश के कारण इंदौर में बैठक रखी गई। बैठक में एनवीडीए के मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल के अलावा आयुक्त पवन कुमार, एसीएस गोपाल रेड्डी उपस्थित थे। जबकि मेधा पाटकर का अनशन समाप्त कराने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्य सचिव शरद चंद्र बेहार बतौर मध्यस्थ और सामाजिक कार्यकर्ता राकेश दीवान बैठक में शामिल थे। मेधा पाटकर ने अपनी मांगों से अवगत कराया।
कई घंटे चली बैठक के बाद कुछ मुद्दों पर आगे भी बातचीत जारी रखने का निर्णय लिया गया। जबकि सबसे पहले सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ने के कारण डूब रहे गांवों के पुनर्वास का इंतजाम करने का निर्णय लिया गया। बताया गया कि डूब प्रभावित लोगों का जल्द से जल्द पुनर्वास किया जाएगा और उन्हें बकाया राशि भी दी जाएगी।
जिन मुद्दों पर चर्चा जारी रहेगी, उनमें डूब प्रभावितों की संख्या का आंकलन करना, टापू जमीन की समस्या, हर गांव में शिविर, फर्जी वाड़े में शामिल लोगों पर कार्रवाई, प्रभावितों का पंचनामा बनाना, गांव के पास प्लॉट देने , किसानों की जमीन पर हो चुके अतिक्रमण को हटाना, जलाशय पर अधिकार आदि शामिल हैं। इन पर आगे भी बातचीत जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित लगभग 178 गांवों को अब तक पुनर्वास नहीं किया गया है। वहीं, पिछले दिनों हुई बारिश के कारण सरदार सरोवर बांध का जलस्तर क्षमता के बेहद नजदीक पहुंच चुका है, लेकिन गुजरात सरकार बांध के गेट नहीं खोल रहे हैं, जिस कारण इन गांवों में पानी भर गया है। इसके विरोध में मेधा पाटकर ने अनशन किया और नौ दिन बाद मध्य प्रदेश सरकार के आग्रह पर मेधा पाटकर ने अनशन वापस ले लिया और अब मध्य प्रदेश सरकार के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया है।