सरदार सरोवर बांध का पानी न छोड़े जाने के कारण 192 गांव व 1 एक शहर डूबने के कगार पर पहुंचने और बांध के विस्थापितों के पुनर्वास की मांग को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर का अनशन जारी है। उनके समर्थन में 10 डूब प्रभावितों का अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। जबकि कई अन्य संगठनों से उन्हें समर्थन मिल रहा है।
अनशन स्थल पर पहुंचकर पूर्व विधायक व किसान संघर्ष समिति के नेता डॉ. सुनीलम ने समर्थन दिया। अनशन के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में मनरेगा मजदूर यूनियन के सदस्यों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना देकर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया और सरदार सरोवर बांध के गेट खोलने की मांग रखी |
मध्यप्रदेश में भी किसान संघर्ष समिति और रोको– टोको - ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के बैनर तले कई जिलों में मुख्यमंत्री कमलनाथ व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कलेक्टर्स को ज्ञापन दिया गया और संपूर्ण पुनर्वास तक बांध के गेट खुले रखने की मांग की। विगत रात्रि को कसरावद, छोटा बडदा, कड़माल, खापरखेड़ा, चिखल्दा आदि गावों में मशाल रैली निकालकर केंद्र और गुजरात सरकार को चेतावनी दी।
नर्मदा बचाओ आंदोलन का कहना है कि जब तक संपूर्ण पुनर्वास नहीं होता है तब तक बांध के गेट खुले रखे जाएं। इसके अलावा 32 हजार प्रभावितों का नीति अनुसार पुनर्वास का काम पूरा किया जाए, तब तक सरदार सरोवर का जलस्तर 122 मीटर पर स्थिर रखा जाए।