अविरल गंगा के लिए जल त्याग कर चुके ब्रहम्चारी आत्मबोधानंद को भी 23 फरवरी को दिल्ली के एम्म अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। साध्वी पद्मावती को एम्स ले जाये जाने के बाद अनशनरत आत्मबोधानंद ने जल त्याग दिया था। शनिवार को जल त्यागने के बाद चौथा दिन था। उनकी तबियत बिगड़ने पर हरिद्वार प्रशासन ने उन्हें भी दिल्ली एम्स में भर्ती कराया।
मातृ सदन आश्रम ने शिकायत की थी कि हरिद्वार प्रशासन ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को प्राण रक्षा के नाम पर मातृ सदन से उठाकर दिल्ली ले गया। लेकिन वहां उन्हें बेड तक समय पर नहीं मिल पाया। एम्स प्रशासन ने कहा कि जब बेड खाली होगा तभी भर्ती करेंगे।
दिल्ली में आत्मबोधानंद के साथ मौजूद स्वामी दयानंद बताते हैं कि आत्मबोधानंद की स्थिति ठीक है और ग्लूकोज दिया जा रहा है। लेकिन साध्वी पद्मावती अब भी पूरी तरह होश में नहीं आई हैं। वह बातचीत करने की स्थिति में नहीं हैं और दवाइयों की वजह से लगातार सो रही हैं।
गंगा पर बने चार बांधों को बंद करने की मांग को लेकर मातृसदन लगातार तपस्या के रास्ते पर है। पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के समय अप्रैल-मई के दौरान नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने मातृसदन की मांगों पर विचार करने का लिखित आश्वासन भी दिया। लेकिन दोबारा सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने गंगा पर बने बांधों को निरस्त करने से जुड़ी मांग को लेकर कोई बात नहीं की। जिसके मातृसदन ने दोबारा अनशन की राह चुनी।
इस वर्ष जनवरी में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और विभागीय अधिकारियों के साथ मातृसदन के एक दल की बैठक भी हुई। स्वामी दयानंद के मुताबिक उस बैठक में अधिकारी गंगा पर बने बांधों को निरस्त करने के अपने आश्वासन से मुकर गए।