Oil spill will deprive the marine flora of sunlight (Representative Image from iStock)  
प्रदूषण

तेल रिसाव: दर्जनों कछुए मरे, मछुवारों में भय

चेन् नई के नजदीक दो मालवाहन जहाजों की टक्कर के बाद पांच दिनाों से समुद्र में तेल रिसाव जारी

DTE Staff

गत 28 जनवरी को चेन्‍नई के एन्नोर बंदरगाह के पास पेट्रोलियम और एलपीजी ले जा रहे दो मालवाहक जहाजों में टक्‍कर हुई थी। शुरुआत में तेज रिसाव से इनकार किया गया, लेकिन अब यह हादसा पर्यावरण संकट का रूप लेता जा रहा है। रिसता हुआ तेल चेन्‍नई के मरीना तट तक पहुंच चुका है। प्रभावित तटीय इलाके में समुद्र का पानी काला पड़ गया है और कई कछुए मरे हुए मिले हैं।  

मिली जानकारी के अनुसार, सैकड़ों की तादाद में तटरक्षक बल के जवान और स्‍थानीय लोग समुद्र किनारे तेल के रिसाव को रोकने में जुटे हैं। चेन्‍नई नगर निगम के पंप समुद्र से रिसते तेल को निकालने में नाकाम रहे तो स्‍थानीय कार्यकर्ता हाथों से तेल का रिसाव रोकने में जुट गए हैं। यह स्थिति आपदा प्रबधंन के इंतजामों पर सवालिया निशान लगा रही है। हादसे से मछलियों और कछुओं समेत समुद्री जीवों की कई प्रजातियों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। तेल रिसाव के डर से मछुवारे भी में समुद्र में नहीं जा पा रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एन्नोर से कई किलोमीटर दूर तट के आसपास मछलियां और कछुए मृत पाए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रिसाव से तटीय इलाकों में समुद्र का पानी काला पड़ गया है। तिरूवल्लूर की जिलाधिकारी ई सुंदरवल्ली ने संवाददाताओं को बताया कि अधिकारियों की टीम तेजी से काम कर रही है। उन्होंने आकलन किया है कि करीब 20 टन तेल अब भी समुद्र की सतह पर बह रहा है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए तमिलनाडु के विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए राज्य सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। तमिलनाडु के मत्स्यपालन मंत्री डी. जयकुमार के मुताबिक, सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह हालात पर काबू पाने के पूरे उपाय कर रही है।