प्रदूषण

सिंगरौली में कोयले और फ्लाई ऐश के परिवहन से हो रहा है वायु प्रदूषण: रिपोर्ट

संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली में कोयला और फ्लाई ऐश के परिवहन से धूल प्रदूषण हो रहा है

Susan Chacko, Lalit Maurya

संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली में कोयला और फ्लाई ऐश के परिवहन से धूल प्रदूषण हो रहा है। इन्हीं सड़कों का उपयोग आम जनता द्वारा भी किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार वहां सूखी राख को बल्करों में ले जाया जाता है, जबकि गीली राख का परिवहन ढके हुए ट्रकों की मदद से किया जाता है। इसके साथ ही गीली राख को ट्रैक्टरों की मदद से भी ढोया जाता है।

19 दिसंबर, 2023 को संयुक्त समिति द्वारा सौंपी इस रिपोर्ट में कहा है कि ऐश डाइक से राख के परिवहन के लिए वर्तमान में किसी यांत्रिक रूप से डिजाइन किए गए कवर ट्रकों का उपयोग नहीं किया जा रहा है। हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 2013 में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार राख के परिवहन के दौरान होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए इस तरह के ट्रकों का उपयोग किया जाना था।

कुशक ड्रेन फैला रहा है दुर्गंध: एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड दाखिल करेंगे रिपोर्ट

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 22 दिसंबर, 2023 को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस हलफनामे में महरौली नाले सहित 11 नालों को टैप करने और ओखला सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) के विस्तार और संचालन को पूरा करने की समयसीमा की जानकारी मांगी है।

इसके साथ ही एनजीटी ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को कुशक नाले के खुले और ढके दोनों हिस्सों से नियमित तौर पर गाद निकालने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट को बताया गया कि चूंकि कुशक ड्रेन में चार कंक्रीट चैंबर बनाए गए हैं, इसलिए नाले की सफाई करना मुश्किल है।

गौरतलब है कि अपने पिछले आदेश में, ट्रिब्यूनल ने एमसीडी से उस परियोजना रिपोर्ट को सबमिट करने को कहा था, जिसके आधार पर इस नाले में चार चैनलों का निर्माण किया गया और साथ ही कोर्ट ने चार चैनलों को बनाए जाने के उद्देश्यों को भी स्पष्ट करने को कहा था।

हालांकि एमसीडी ने अपनी रिपोर्ट के साथ इस निर्माण से सम्बंधित एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी दाखिल की थी, लेकिन एमसीडी की ओर से पेश वकील यह नहीं बता सके कि इस नाले में चार चैनलों का निर्माण क्यों किया गया था और उनका क्या उद्देश्य था। ऐसे में एनजीटी ने एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड से एक नई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। साथ ही दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ से भी दो सप्ताह के भीतर उनका हलफनामा मांगा है।

पूरा मामला दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में घरों के पीछे से बहने वाले नाले और उससे निकलने वाली दुर्गंध से जुड़ा है। कुशक नाले के नाम से जाना जाने वाला यह नाला खुला हुआ है और घरों के पीछे से बहता है। यह नाला बारापुला नाले का ही हिस्सा है, जो अंततः यमुना नदी में गिरता है।

राउरकेला में हैजा फैलने पर एनजीटी ने अधिकारियों से तलब की रिपोर्ट

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 22 दिसंबर 2023 को राउरकेला के जिला मजिस्ट्रेट और नगर निगम आयुक्त को नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राउरकेला में दिसंबर से फैले हैजे के प्रकोप की गंभीरता को देखते हुए यह कदम उठाया है। इसके साथ ही एनजीटी ने ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को भी नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।

इन सभी को निर्देश दिया है कि वे अगली सुनवाई से कम से कम एक सप्ताह पहले अपने जवाब एनजीटी की पूर्वी पीठ में प्रस्तुत करें। इस मामले में अगली सुनवाई 25 जनवरी, 2024 को होगी।

गौरतलब है कि इस सन्दर्भ में मूल आवेदन 21 दिसंबर, 2023 को द हिंदू में प्रकाशित एक खबर के आधार पर कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया गया था। इस खबर के मुताबिक राउरकेला (ओडिशा) में दिसंबर से फैले हैजे के प्रकोप के चलते एक हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और आठ लोगों की मौतें हो चुकी हैं।

संदेह है कि यह बीमारी जल प्रदूषण के कारण फैली है। इसकी वजह से राउरकेला में छह स्थानों की पहचान डायरिया के हॉटस्पॉट के रूप में की गई है। उक्त खबर के अनुसार यह संदेह है कि संक्रमण जल आपूर्ति पाइपों के फटने से फैला है।