प्रदूषण

संसद में आज: देश में 47 फीसदी कचरे का नहीं हो रहा है उपचार, सरकार ने दी जानकारी

साल 2022-23 में मानव-हाथी संघर्ष के कारण 605 लोगों की मृत्यु हुई।

Madhumita Paul, Dayanidhi

संसद में पर्यावरण, विकास, प्रदूषण जैसे कई विषयों पर आठ फरवरी 2024 को कई सवाल किए गए। इनमें से कुछ सवालों पर सरकार का जवाब क्या रहा, आइए जानते हैं:   

दिल्ली में वायु गुणवत्ता

दिल्ली में वायु गुणवत्ता को लेकर उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया कि दिल्ली में पूरे साल औसत वायु गुणवत्ता मानदंड साल 2023 में सबसे अच्छे रहे हैं।

भूजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड पाया गया

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक प्रश्न के उत्तर में, राज्यसभा में बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (प्रधान पीठ) ने 30.11.2023 को हिंदुस्तान में छपी एक खबर जिसका शीर्षक “25 राज्यों में भूजल में आर्सेनिक, 27 राज्यों में फ्लोराइड पाया गया: सरकार” था, जिसके आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिनांक 20.12.2023 के अपने आदेश में 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया।

उन्होंने निर्धारित पेयजल मानकों के संबंध में वर्ष 2023 के दौरान एनडब्ल्यूएमपी के अंतर्गत आने वाले भूजल स्थानों में निगरानी किए गए आर्सेनिक और फ्लोराइड के राज्य-वार मूल्यांकन को भी साझा किया।

मानव और पशु संघर्ष में मारे गए लोग 

वहीं सदन में उठाए गए एक अन्य सवाल के जवाब में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया कि राज्यों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, साल 2022-23 में मानव-हाथी संघर्ष के कारण 605 लोगों की मृत्यु हुई।

देश में अपशिष्ट उत्पादन

संसद में आज अश्विनी कुमार चौबे के लिए सवालों का सिलसिला जारी रहा, एक और प्रश्न के उत्तर में चौबे ने राज्यसभा में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वर्ष 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया, भारत में उत्पन्न ठोस कचरे की औसत मात्रा 1,70,338 टन रोजाना है, जिसमें से 91,512 टन रोजाना का उपचार किया जाता है। साथ ही, प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट, बैटरी अपशिष्ट, ई-कचरा, अपशिष्ट टायर और प्रयुक्त तेल के संबंध में बाजार आधारित विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) पर विनियम अधिसूचित किए गए हैं।

भारत में प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत

सदन में चीतों को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में इनके बारे में जानकारी दी। चौबे ने कहा कि भारतीय वन्यजीव संस्थान ने मध्य प्रदेश वन विभाग और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के परामर्श से, भारत में चीता की शुरुआत के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के दिशानिर्देशों के अनुसार एक विस्तृत वैज्ञानिक कार्य योजना तैयार की है। जिसमें चीता विशेषज्ञ, जीवविज्ञानी, पारिस्थितिकी विज्ञानी, संरक्षणवादी और प्रबंधकों के सुझाव शामिल हैं। उन्होंने कहा चीते भारतीय परिस्थितियों में अच्छी तरह से ढल रहे हैं और शावकों का जन्म भी हो रहा है।

ई-कचरे का पुनर्चक्रण

वहीं सदन में उठाए गए एक और सवाल के जवाब में आज, अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया कि देश में ई-वेस्ट की रीसाइक्लिंग धीरे-धीरे बढ़ रही है। 2016-17 से 2021-22 के दौरान ई-कचरा पुनर्चक्रण 22.59 गुना बढ़ गया है।

पंजाब में भूजल का निष्कर्षण

सदन में पंजाब में भूजल निकालने को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने लोकसभा में बताया कि देश के गतिशील भूजल संसाधनों का नियमित रूप से केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) और पंजाब सहित राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से मूल्यांकन किया जा रहा है। नवीनतम भूजल संसाधन आकलन (2023) के अनुसार, राज्य में कुल 153 मूल्यांकन इकाइयों (एयू) में से, जो आम तौर पर ब्लॉक, तहसील और तालुक आदि आधारित हैं, 117 को 'अति-शोषित' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जहां जमीन का स्तर जल निष्कर्षण (एसओई) 100 फीसदी से अधिक है। इसके अलावा तीन एयू को 'अति गंभीर' श्रेणी में, 13 को 'गंभीर' और 20 को 'सुरक्षित' श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।

इसके अलावा पंजाब के 2022 के भूजल आकलन की 2023 के साथ तुलना करने से पता चलता है कि पंजाब में भूजल निष्कर्षण (एसओई) का स्तर, जो कुल वार्षिक की तुलना में सभी उपयोगों (सिंचाई, औद्योगिक और घरेलू उपयोग) के लिए वार्षिक भूजल निष्कर्षण का अनुपात है। टुडू ने कहा, निकालने योग्य भूजल संसाधन में 164.1 फीसदी से 163.76 फीसदी तक मामूली गिरावट देखी गई है।

देश में सौर ऊर्जा वाले घर

सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली मंत्री आर.के. सिंह ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने निम्न और मध्यम आय वाले लोगों को बिजली प्रदान करने के लिए एक करोड़ घरों में छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य घोषित किया है। 31.12.2023 तक, देश में स्थापित सौर ऊर्जा परियोजनाओं की कुल क्षमता 73.3 गीगावाट (जीडब्ल्यू) है, जिसमें घरों और व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्र की इमारतों में स्थापित 10.7 गीगावॉट ग्रिड-कनेक्टेड सौर छत क्षमता शामिल है। इसमें से, एमएनआरई के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रोग्राम (द्वितीय चरण) के तहत घरों में 2.76 गीगावॉट की कुल स्थापित क्षमता वाले कुल 6.7 लाख ग्रिड-कनेक्टेड सोलर रूफटॉप प्रणाली स्थापित किए गए हैं।

एथेनॉल मूल्य निर्धारण फार्मूला

 एथेनॉल की कीमत को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में बताया कि सरकार गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) और चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आधार पर गन्ना आधारित एथेनॉल का पूर्व-मिल मूल्य तय करती है।

तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) फीडस्टॉक और रूपांतरण लागत के आधार पर खाद्यान्न आधारित स्रोतों से बने एथेनॉल की एक्स-मिल कीमत तय करती हैं। ओएमसी ने पहले ही 29.12.2023 से सी-शीरा एथेनॉल पर 6.87 रुपये प्रति लीटर और 05.01.2024 से मक्का से उत्पादित एथेनॉल पर 5.79 रुपये प्रति लीटर के प्रोत्साहन की घोषणा की है, जो एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2023-24 के लिए घोषित मूल्य से अधिक है। इसको लेकर विभिन्न संचार माध्यमों से हितधारकों को जानकारी दी गई है।