प्रदूषण

वायु प्रदूषण रोकने के लिए ई-वाहनों को बढ़ावा देगी तमिलनाडु सरकार

तमिलनाडु सरकार ने ई-वाहनों के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ का निवेश लाने का लक्ष्य रखा है, जिसकी मदद से पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ाया जा सके

Susan Chacko, Lalit Maurya

तमिलनाडु ने हवा में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए जाने क़दमों पर एक रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सबमिट की है। इस रिपोर्ट में वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तमिलनाडु सरकार ई-वाहनों की खरीद को बढ़ावा देगी। जिसके लिए कई कदम भी उठाए जा रहे हैं। यह रिपोर्ट 16 अक्टूबर, 2020 को एनजीटी की वेबसाइट पर अपलोड की गई है। गौरतलब है कि तमिलनाडु इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2019 में ई-वाहनों के निर्माताओं और खरीदने वालों के लिए विभिन्न रियायतें प्रदान की गई हैं। 

तमिलनाडु सरकार ने ई-वाहनों के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ के निवेश को लाने का लक्ष्य रखा है। जिसकी मदद से पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ाया जा सके। साथ ही इन वाहनों को चार्ज करने और उसके लिए बैटरियों के निर्माण, रीसायकल, पुनः उपयोग और ख़राब हो चुकी बैटरियों के निपटान की समुचित व्यवस्था करना है जिससे उनसे होने वाले प्रदूषण को कम से कम किया जा सके। 

गौरतलब है कि तमिलनाडु में वैकल्पिक ईंधन के उपयोग के मामले में श्री एल जी सहदेवन ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। जिसपर एनजीटी ने 19 अगस्त 2019 को एक आदेश पारित किया था। इस आदेश में कोर्ट ने एक जांच समिति का गठन किया था। तमिलनाडु के संयुक्त परिवहन आयुक्त (सड़क और सुरक्षा) ने इस मामले में एक एक्शन प्लान भी सबमिट किया था, जिमसें जानकारी दी गई थी कि तमिलनाडु में देश के अन्य राज्यों की तुलना में प्रदूषण का स्तर नियंत्रण में है। साथ ही राज्य में एलपीजी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। हालांकि राज्य में सीएनजी उपलब्ध नहीं है। जिसके अध्ययन के लिए एक समिति गठित की गई है।

तमिलनाडु ने ई-वाहनों के संबंध में टैक्स पर लाइफ टाइम रियायत देने का आदेश जारी किया था। इसके साथ ही तमिलनाडु ई-वाहन नीति के अंतर्गत दो और चार पहिया वाहनों पर 2022 तक 50 फीसद की छूट दी गई है। यही वजह है कि 2020 में पंजीकृत ई-वाहनों की संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। 

तमिलनाडु में लाई जाएंगी हर साल 1,000 इलेक्ट्रिक बसें 

रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि राज्य के 6 प्रमुख शहरों चेन्नई, कोयम्बटूर, त्रिची, मदुरै, सलेम और तिरुनेलवेली के सभी ऑटो रिक्शा को अगले 10 वर्षों के भीतर ई-वाहनों में बदलने की कोशिश की जाएगी और उसे बढ़ावा दिया जाएगा। बाद में इस धीरे-धीरे इस योजना का विस्तार अन्य शहरों और कस्बों तक किया जाएगा। । इसी तरह, राज्य सभी प्रमुख टैक्सियों और ऐप आधारित वाहन ऑपरेटरों और एग्रीगेटर्स को 6 प्रमुख शहरों में 10 साल के भीतर गाड़ियों को ईवीएस में बदलने में सहयोग देगा। हर साल लगभग 1,000 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है, साथ ही निजी ऑपरेटरों को भी पुरानी बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भी सलेम और नमक्कल में ऑटोमोबाइल में इस्तेमाल की जाने वाली कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) सुविधा शुरू कर सकता है। यह कंप्रेस्ड बायो गैस, बायोमास और अपशिष्ट स्रोतों से उत्पन्न होती है। जिससे उत्पन्न होने वाली ऊष्मा और उसके अन्य गुण सीएनजी के समान ही होते हैं। इस कंप्रेस्ड बायो गैस को अन्य जीवाश्म ईंधनों के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है। 

तमिलनाडु में वायु प्रदूषण को रोकने की यह योजना कितनी कामयाब होगी यह तो आनेवाला वक्त ही बताएगा। पर रिपोर्ट को देखकर लगता है कि आने वाले वक्त में राज्य की परिवहन व्यवस्था में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे।