प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
प्रदूषण

पंजाब की नदियों में घुलता जहर: प्रदूषण के महज 14 फीसदी स्रोत हुए बंद, 819 अभी भी सक्रिय

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक महज 14.2 फीसदी प्रदूषण स्रोत बंद किए गए हैं, जबकि 819 स्रोत अभी भी नदियों और जलाशयों को दूषित कर रहे हैं।

Susan Chacko, Lalit Maurya

  • पंजाब में नदियों, जलाशयों को प्रदूषित करने कुल 819 स्रोतों को बंद किया जाना बाकी है। इनमें सबसे अधिक स्रोत ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के अधीन हैं। अब तक 290 स्रोत बंद या हटाए जा चुके हैं, लेकिन पंचायत विभाग के तहत आने वाले 510 स्रोत अब भी बंद किए जाने बाकी हैं।

  • यह जानकारी पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दाखिल रिपोर्ट में सामने आई है।

  • रिपोर्ट से पता चला है कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगातार किए गए पत्राचार और प्रयासों के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने 31 और स्थानीय निकाय विभाग ने 30 प्रदूषण फैलाने वाले स्रोत बंद किए हैं।

  • पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी 18 औद्योगिक, तीन डेयरी अपशिष्ट और प्रदूषण के चार व्यक्तिगत स्रोत बंद किए और हटाए हैं।

  • इसके साथ ही प्रदूषण के बंद किए स्रोतों की संख्या 606 से बढ़कर 692 हो गई है, जबकि कुल बचे स्रोत 905 से घटकर 819 रह गए हैं।

पंजाब में नदियों, जलाशयों को प्रदूषित करने कुल 819 स्रोतों को बंद किया जाना बाकी है। इनमें सबसे अधिक स्रोत ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के अधीन हैं। अब तक 290 स्रोत बंद या हटाए जा चुके हैं, लेकिन पंचायत विभाग के तहत आने वाले 510 स्रोत अब भी बंद किए जाने बाकी हैं।

यह खुलासा पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने 15 दिसंबर 2025 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दाखिल अपनी रिपोर्ट में किया है। यह रिपोर्ट एनजीटी द्वारा 19 सितंबर 2025 को दिए आदेश पर अदालत में सौंपी गई है।

यह रिपोर्ट पंजाब के जलस्रोतों में हो रहे प्रदूषण से जुड़ी है। इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने द ट्रिब्यून में 16 सितंबर 2024 को प्रकाशित एक खबर के आधार पर स्वतः संज्ञान लिया था और राज्य से विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी। इस खबर के मुताबिक राज्य सरकार ने खुलासा किया है कि पंजाब में कम से कम 1,223 स्रोत बेखौफ जल स्रोतों को दूषित कर रहे हैं।

एनजीटी का सख्त रुख, पीपीसीबी की कार्रवाई

एनजीटी ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया था कि सभी प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों को बंद करने की समय-सीमा स्पष्ट की जाए। इसके बाद पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के पर्यावरण अभियंताओं को नदियों में गंदा पानी छोड़ने वाले स्रोतों को बंद करने की कार्ययोजना और समय-सीमा सौंपने के निर्देश दिए। थे।

राज्य के जल संसाधन विभाग को जलाशयों का संरक्षक मानते हुए, 11 दिसंबर 2025 को प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर आग्रह किया गया कि औद्योगिक इकाइयों, गांवों के सीवेज, शहरी निकायों के नालों, डेयरी अपशिष्ट और अन्य स्रोतों को तुरंत बंद कराने के आदेश दिए जाएं। यह स्रोत नदियों और जलाशयों में गंदा पानी छोड़ रहे हैं।

पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग और स्थानीय निकाय विभाग को भी उनके अधीन आने वाले प्रदूषण स्रोतों को बंद करने की समय-सीमा बताने को कहा गया। इसी तरह, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभी मुख्य और वरिष्ठ पर्यावरण अभियंताओं को भी पत्र भेजे गए ताकि वे समय पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर सकें।

बंद हुए 86 नए स्रोत, फिर भी चुनौती बाकी

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगातार किए गए पत्राचार और प्रयासों के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने 31 और स्थानीय निकाय विभाग ने 30 प्रदूषण फैलाने वाले स्रोत बंद किए हैं। इसके साथ ही पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी 18 औद्योगिक, तीन डेयरी अपशिष्ट और प्रदूषण के चार व्यक्तिगत स्रोत बंद किए और हटाए हैं।

प्रदूषण के बंद किए स्रोतों की संख्या 606 से बढ़कर 692 हो गई है, जबकि कुल बचे स्रोत 905 से घटकर 819 रह गए हैं।

सिर्फ 14 फीसदी सफलता, लम्बा सफर तय करना बाकी

रिपोर्ट के मुताबिक, एनजीटी के आदेश के बाद अब तक संबंधित विभाग (ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, स्थानीय शासन विभाग और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) प्रदूषण के महज 14.2 फीसदी स्रोतों को ही बंद कर पाए हैं। इसमें औद्योगिक इकाइयां, गांवों का गंदा पानी, शहरी नाले, डेयरी कचरा और अन्य स्रोत शामिल हैं।

यह आंकड़े साफ तौर पर दर्शाते हैं कि कार्रवाई शुरू तो हुई है, लेकिन रफ्तार बेहद धीमी है। जब तक बाकी 819 स्रोत बंद नहीं होते, पंजाब की नदियां और जलाशय प्रदूषण के जहर से मुक्त नहीं हो पाएंगे। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकारी विभाग इस चुनौती को कितनी गंभीरता से लेते हैं और कब नदियों को सच में राहत मिलेगी।