देश के अन्य सभी शहरों को पीछे छोड़ श्रीगंगानगर में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 287 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 17 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में बदलापुर, बल्लभगढ़, बारीपदा, बेतिया, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, छपरा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, किशनगंज, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरपुर, पटना, सिंगरौली, सुआकाती, तालचेर आदि शहर शामिल हैं। यदि कल के मुकाबले देखें तो इन खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 80 फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि कल इन शहरों की संख्या दस दर्ज की गई थी।
वहीं दूसरी तरफ देश में 16 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में सूरत, तुमकुरु, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 36 फीसदी की गिरावट आई है। कल इन शहरों का आंकड़ा 25 दर्ज किया गया था। आंकड़ों के मुताबिक देश में पुदुचेरी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 24 दर्ज किया गया है। यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्रीगंगानगर से तुलना करे तो पुदुचेरी में हवा 12 गुणा ज्यादा साफ है। देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में एक्यूआई 18 अंक बढ़कर 163 पर पहुंच गया है। इसी तरफ फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। देश में 98 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। वहीं 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' बनी हुई है। इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, देवास आदि शहर शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी पांच फीसदी की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 233 में से 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था।
98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 18 शहरों बदलापुर, बल्लभगढ़, बारीपदा, बेतिया, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, छपरा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, किशनगंज, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरपुर, पटना, सिंगरौली, सुआकाती, तालचेर आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (287) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पास पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 18 अंक बढ़कर 163 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 180, गाजियाबाद में 135, गुरुग्राम में 242, नोएडा में 147, ग्रेटर नोएडा में 176 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 98 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 169, चेन्नई में 54, चंडीगढ़ में 128, हैदराबाद में 89, जयपुर में 117 और पटना में 276 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
वाराणसी सहित देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 33, बागलकोट 46, चामराजनगर 42, गंगटोक 49, झांसी 33, मदिकेरी 38, मैसूर 48, पालकालाइपेरुर 28, पुदुचेरी 24, राजमहेंद्रवरम 43, सिलचर 48, शिवसागर 50, सूरत 37, तुमकुरु 45, वाराणसी 36, और विजयपुरा 43 शामिल रहे।
वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बूंदी, बर्नीहाट, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जालंधर, जलना, कैथल, कलबुर्गी, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मैहर, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, रामनगर, ऋषिकेश, रूपनगर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, वापी, वातवा, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर आदि 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।