प्रदूषण

महासागरों में दो दशकों में दोगुना हो सकता है प्लास्टिक का कूड़ा, समुद्री जीवों पर पड़ेगा असर

Dayanidhi

सोमवार को प्रकाशित एक नए अध्ययन में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने पहले जितना सोचा था, उससे कम प्लास्टिक समुद्र में फैल रहा है, लेकिन वह लंबे समय तक वहां बना रह सकता है।

अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 25 मिलीमीटर से बड़े प्लास्टिक के टुकड़े समुद्र में तैरने वाले 95 प्रतिशत से अधिक प्लास्टिक का निर्माण करते हैं।

जबकि समुद्र में अधिकांश प्लास्टिक कण बहुत छोटे होते हैं, इन माइक्रोप्लास्टिक का कुल द्रव्यमान, जिसकी माप पांच मिलीमीटर से कम होती है यह अपेक्षाकृत कम है।

नेचर जियोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, बड़े तैरते टुकड़ों की अधिकता से पता चलता है कि समुद्र में प्लास्टिक की कुल मात्रा पहले की तुलना में बहुत कम है।

समुद्र में प्लास्टिक प्रदूषण 2.5 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है, जिसमें से एक चौथाई लाख टन सतह पर तैर रहा है।

लेकिन अध्ययन में कहा गया है कि समुद्र की सतह पर प्लास्टिक की मात्रा बहुत अधिक है, जो लगभग 30 लाख टन है। प्लास्टिक के बड़े-बड़े टुकड़े इधर-उधर तैर रहे हैं, जिससे सफाई के प्रयासों में मदद मिल सकती है।

नीदरलैंड में यूट्रेक्ट विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ता ने बताया कि सतह पर तैरते बड़े टुकड़ों को माइक्रोप्लास्टिक की तुलना में साफ करना आसान है।

1980 से 2020 तक समुद्र के सतही पानी, समुद्र तटों और गहरे समुद्र को लेकर बड़ी मात्रा में अवलोकन किए गए आंकड़ों और माप का उपयोग करके समुद्र के थ्रीडी मॉडल बनाया गया है।

मॉडल में यह भी पाया गया कि हर साल पहले की तुलना में नया प्लास्टिक कम मात्रा में समुद्र में पहुंच रहा है। चार से 120 लाख टन के बजाय लगभग आधा 50 लाख टन जो बड़े पैमाने पर समुद्र तट और मछली पकड़ने की गतिविधि से उत्पन्न होता है।

हालांकि, सतह पर पाए जाने वाले अधिक प्लास्टिक और नए कम प्लास्टिक के संयोजन से पता चलता है कि कूड़ा पहले की तुलना में अधिक समय तक समुद्र में रहेगा।

 प्रमुख अध्ययनकर्ता ने कहा कि, इसका मतलब है कि प्लास्टिक कचरे से निपटने के उपायों का असर दिखाई देने में अधिक समय लगेगा।

उन्होंने कहा, अगर हमने अभी कार्रवाई नहीं की तो इसका असर लंबे समय तक महसूस किया जाएगा। विश्व के महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण की मात्रा अभी भी बढ़ रही है।

अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, आगे इसे रोकने और सफाई के बिना, प्लास्टिक का कूड़ा दो दशकों के भीतर दोगुना हो सकता है।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, प्लास्टिक के मलबे से हर साल दस लाख से अधिक समुद्री पक्षी और 1,00,000 समुद्री स्तनधारी मारे जाते हैं।

नया अध्ययन तब आया है जब दुनिया प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए बहुप्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र संधि के पहले मसौदे का इंतजार कर रही है, जिसके नवंबर में होने की उम्मीद है।