प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
प्रदूषण

इंसानों के चलते मैली हो रही पेरियार, जलीय जीवन पर मंडरा रहा खतरा: रिपोर्ट

पेरियार में प्रदूषण मुख्य रूप से शहरी घरेलू स्रोतों से आ रहा है। वहीं गर्मियों में विशेष रूप से निचले हिस्सों में पानी में ऑक्सीजन के कम होने की प्रवत्ति देखी गई है

Susan Chacko, Lalit Maurya

राष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम (एनडब्ल्यूएमपी) द्वारा 2022, 2023 और जनवरी से अगस्त 2024 के लिए जारी आंकड़ों से पता चला है कि पेरियार में फेकल प्रदूषण का स्तर बेहद अधिक है।

पेरियार में प्रदूषण मुख्य रूप से शहरी और घरेलू स्रोतों से आ रहा है। गर्मियों के मौसम में विशेष रूप से निचले हिस्सों में पानी में घुली ऑक्सीजन के कम होने की प्रवत्ति देखी गई है।

गौरतलब है कि 20 से 21 मई, 2024 के बीच नदी में मछलियों के मरने की घटना सामने आई थी। यह जानकारी केरल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 नवंबर, 2024 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दाखिल रिपोर्ट में साझा की गई हैं।

एनजीटी को बताया गया है कि केरल उच्च न्यायालय ने 10 जून, 2024 को पेरियार नदी में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने और कार्रवाई का सुझाव देने के लिए एक समिति के गठन का आदेश दिया था। इस समिति ने तीन जुलाई, 2024 को उच्च न्यायालय में एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक 20 मई, 2024 को सिंचाई विभाग ने पथलम रेगुलेटर-कम-ब्रिज पर तीन शटर खोले थे। यह देखा गया कि बांध के निचले हिस्से में बहुत कम ऑक्सीजन और कीचड़ युक्त गंदा पानी तीनों दरवाजों से बहकर बाहर आ गया। यह पानी बांध के दूसरी तरफ खारे पानी के साथ मिल गया। इसकी वजह से शटर खुलने के कुछ घंटों के भीतर उच्च ज्वार के चलते गंभीर स्थिति पैदा हो गई।

जल गुणवत्ता में आते बदलावों को लेकर पिछले कुछ वर्षों में केरल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्टों की भी समीक्षा की गई है। इसमें यह देखा गया कि गर्मियों के दौरान, जब बांध लंबे समय के लिए बंद रहता है, तो आस-पास के घरों और व्यावसायिक क्षेत्रों से निकलने वाला जैविक कचरा नदी में मिल जाता है और बांध के ऊपर की ओर नदी तल में जमा हो जाता है।

किस वजह से गई मछलियों की जान

ऐसे में बांध के खुलने पर अचानक तेजी से आए पानी के बहाव, ऑक्सीजन की बेहद कमी, बहुत अधिक जैविक अपशिष्ट और कीचड़ के कारण मछलियां मर गईं। इसकी वजह से नीचे की ओर ऑक्सीजन का स्तर गिर गया जो मछलियों के मरने की वजह बना।

यह देखा गया है कि जब पथलम बांध के शटर कई दिनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं, तो जैविक कचरा जमा हो जाता है, जिससे बांध के ऊपर की ओर पानी में ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट आ जाती है।

रिपोर्ट के मुताबिक एक अप्रैल, 2024 से 31 मई, 2024 के बीच पथलम बांध में ऑक्सीजन का स्तर बहुत घट गया, यहां तक कि कुछ दिनों में यह शून्य तक गिर गया। इससे पता चलता है कि दूषित जल या सीवेज पेरियार में प्रवेश कर रहा है, जो ऑक्सीजन के घटते स्तर की वजह हो सकता है।

यह भी देखा गया कि 23 मई, 2024 से पथलम बांध के निचले हिस्से में ऑक्सीजन का स्तर सुधरकर चार मिलीग्राम प्रति लीटर से ऊपर हो गया, जो जलीय जीवन के अस्तित्व के लिए बेहद आवश्यक है।

एलूर एडयार औद्योगिक क्षेत्र में 43 उद्योग हैं जो अपशिष्ट पैदा करते हैं। यह सभी उद्योग एसपीसीबी की सहमति से काम कर रहे हैं। हालांकि इनमें से केवल पांच उद्योगों को साफ करने के बाद अपशिष्ट को पेरियार नदी में छोड़ने की अनुमति है। वहीं अन्य उद्योग अपने अपशिष्ट का उपचार कर रहे हैं और वो या तो इसका पुनः उपयोग करते हैं या फिर सोख गड्ढों के माध्यम से उसका निपटान कर रहे हैं।