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प्रदूषण

प्लास्टिक प्रदूषण से निजात के लिए अब बुसान में जुटे दुनिया भर के देश

प्लास्टिक प्रदूषण पर हमेशा के लिए मुक्ति पाने को देशों के बीच कानूनी तौर पर बाध्य करने वाला समझौता बनाने पर सहमति की उम्मीद है

DTE Staff

दुनिया भर के देशों में प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से निपटने के समझौते पर सहमति बनाने के लिए दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में सोमवार 25 नवंबर 2024 से बातचीत शुरू हो गई है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण केन्द्र (यूएनईपी) के नेतृत्व में हो रही इस वार्ता के जरिए एक कानूनी तौर पर बाध्य करने वाला दस्तावेज बनाने पर सहमति का प्रयास किया जाएगा।

पिछले दो साल से प्लास्टिक प्रदूषण पर कानूनी उपाय ढूंढ़ने के लिए अन्तर-सरकारी (इंटर गवर्नमेंटल) स्तर पर वार्ता जारी हैं, जिसमें जमीन व समुद्र का भी ध्यान रखा गया। इसके बाद अब यह बैठक बुलाई गई है।

बैठक से पूर्व संयुक्त राष्ट्र के सुप्रीमो एंतोनियो गुटेरेश ने एक वीडियो सन्देश के जरिए सभी देशों के प्रतिनिधियों से समझौते को आकार देने का आग्रह किया और कहा, “हमारी दुनिया प्लास्टिक प्रदूषण में डूब रही है। हर साल हम लगभग 46 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन करते हैं, जिसमें से अधिकांश को जल्दी ही फेंक दिया जाता है।”

उन्होंने आगाह किया कि साल 2050 तक महासागर में प्लास्टिक की मात्रा मछलियों से अधिक हो जाएगी। हमारे खून में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण पहुंच गए हैं, जो हमारे शरीर के लिए कई तरह समस्याओं की वजह बन रहे हैं, जिनके बारे में हमने अभी समझना शुरू ही किया है।

संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी एक प्रेस बयान में यूएनईपी की कार्यकारी निदेशक इंगेर ऐंडरसन के हवाले से कहा गया है कि यह एक ऐतिहासिक समझौता हो सकता है, क्योंकि अब प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई करने का समय आ गया है।

बयान में कहा गया, “पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति नहीं चाहता कि प्लास्टिक के कण उसके शरीर या उसके अजन्मे बच्चों के भीतर पहुंच जाएं।”

यूएनईपी प्रमुख ने बताया कि औद्योगिक देशों के समूह जी20 में भी इसी भावना को व्यक्त किया गया था। 170 से अधिक देशों और 600 पर्यवेक्षक संगठनों के प्रतिनिधि, दक्षिण कोरिया के बन्दरगाह शहर, बुसान में एक सप्ताह के लिए जुटे हैं, जहां राष्ट्रपति यून सुक येऑल ने शून्य प्लास्टिक प्रदूषण की ओर बढ़ने के उपाय पर सहमति बनाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह सभी सदस्य देशों को भावी पीढ़ियों की खातिर एकजुटता दर्शाते होनी होगी और प्लास्टिक प्रदूषण पर सन्धि को अन्तिम रूप देकर एक नए ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत करनी होगी।

आधिकारिक रूप से इस बैठक को पांचवी अन्तर-सरकारी समिति की वार्ता कहा गया है, ताकि समुद्री पर्यावरण समेत प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी उपाय की व्यवस्था की जा सके।

इस विषय में बातचीत की शुरुआत 1,000 दिन पहले उरुग्वे में हुई थी और चार सत्रों की वार्ता के बाद अब यह बैठक बुलाई गई है, जिसमें समझौते की अपेक्षा है।

एक बयान में यूएन प्रमुख ने जोर देकर कहा है कि प्लास्टिक प्रदूषण पर सन्धि को महत्वाकांक्षी, विश्वसनीय और न्यायसंगत बनाना होगा। किसी भी समझौते में प्लास्टिक के जीवन चक्र का ध्यान रखा जाना होगा, सिंगल यूज (एकल-इस्तेमाल) और कम अवधि की प्लास्टिक की समस्या से पहले निपटना होगा। साथ ही, कचरा प्रबन्धन को मजबूती देते हुए वैकल्पिक सामग्री को बढ़ावा दिया जाना होग।

बयान के मुताबिक बैठक के जरिए सभी देशों की टैक्नॉलॉजी तक पहुंच सुनिश्चित की जानी होगी, जमीन व समुद्री पर्यावरणों को बेहतर बनाना होगा और यह सुनिश्चित किया जाना होगा कि प्लास्टिक पर निर्भर समुदायों को साथ लेकर चला जाए।