आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गैस लीक घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। गैस लीक से घटनास्थल से तीन किलोमीटर में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं।
एनएचआरसी ने पाया है कि प्रथम दृष्ट्या इसमें मानव चूक या लापरवाही के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन तथ्य है कि इसमें कई निर्दोष लोग मारे गए हैं और हजारों बीमार हैं। यह मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर मामला है। पीड़ितों के जीने के अधिकार इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
एनएचआरसी के मुताबिक, देशभर में कोविड-19 से लोगों की जिंदगी दाव पर लगी है और सभी लोग घर के अंदर रहने को मजबूर हैं। ऐसे समय में गैस लीक की त्रासदी बड़ी विपदा के रूप में आई है।
आयोग ने घटना के मद्देनजर राज्य के प्रमुख सचिव से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने प्रदेश सरकार से राहत कार्य, पीड़ितों को दी गई चिकित्सा सुविधाओं, राहत कार्यक्रमों और पुनर्वास के बारे में जानकारी मांगी है।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भी नोटिस भेजकर चार हफ्तों में इस मामले में दर्ज एफआईआर और कार्रवाई का ब्योरा मांगा गया है।
आयोग ने इस सिलिसले में कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय से भी जवाब तलब किया है। मंत्रालय के सचिव से पूछा गया है कि कानूनों के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है या नहीं।