प्रदूषण

डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट पर सरकार की सफाई, कहा- पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही हैं कई योजनाएं

कृषि परिवारों की आय का अंतिम सर्वेक्षण 2019 में किया गया था, इसलिए 2023-2024 के दौरान कृषि परिवारों की औसत मासिक आय के आंकड़े उपलब्ध नहीं है।

Madhumita Paul, Dayanidhi

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ की सालाना रिपोर्ट स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए राज्यसभा में एक सवाल पूछा गया। सवाल के जवाब में सरकार की ओर से रिपोर्ट पर तो कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई, लेकिन सरकार द्वारा पौष्टिक आहार व खाद्य सुरक्षा मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

दरअसल स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट रिपोर्ट में कहा गया था कि 71 फीसदी भारतीय स्वस्थ आहार हासिल करने में सक्षम नहीं हैं और पौष्टिक आहार न मिलने के कारण होने वाली बीमारियों के चलते 17 लाख लोग हर साल मर जाते हैं।

यह सवाल राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह ने पूछा था। इसके जवाब में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि सरकार पौष्टिक भोजन तक पहुंच को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 2013, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत ग्रामीण आबादी के 75 फीसदी और शहरी आबादी के 50 फीसदी तक कवरेज के लिए अत्यधिक सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्रदान करता है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत, अंत्योदय अन्न योजना परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवारों के 80.67 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाता है।

प्रतिबंधित कीटनाशकों का उपयोग

वहीं आज, सदन में उठाए गए एक और सवाल के जवाब में, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में बताया कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने गुणवत्तापूर्ण कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और प्रतिबंधित कीटनाशकों की बिक्री की जांच करने के लिए 11287 कीटनाशक निरीक्षकों की नियुक्ति की है। साल 2023-24 के दौरान कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशालाओं में 80,789 कीटनाशकों के नमूनों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 2,222 कीटनाशकों के नमूने घटिया पाए गए, जो कुल नमूनों का 2.7 फीसदी है और इनको लेकर उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। हालांकि इन नमूनों में कोई प्रतिबंधित कीटनाशक नहीं पाया गया।

देश में स्वच्छ भारत मिशन 2.0

साल 2024 का संसद का शीतकालीन सत्र जारी है, वहीं आज सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में कहा कि राज्य व केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा निर्धारित पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल 2429 डंप साइट्स (1000 टन से अधिक कचरे के साथ) 23.57 करोड़ मीट्रिक टन (एमटी) कचरे का उपचार किया गया है। जो सामूहिक रूप से 14,881.37 एकड़ भूमि पर फैला है। 12 दिसंबर, 2024 तक, 659 डंप साइट्स को पूरी तरह से ठीक कर दिया गया है और 1176 साइटों पर काम प्रगति पर है। कुल 11.40 करोड़ मीट्रिक टन (48 फीसदी) कचरे का उपचार किया गया है और 6012.86 एकड़ (40 फीसदी) भूमि को दोबारा उपयोग करने लायक बनाया गया है।

देश में किसानों की प्रति व्यक्ति आय

आज, सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आय वर्ष जुलाई, 2018 से जून, 2019 के संदर्भ में एनएसएस सर्वेक्षण के 77वें दौर (जनवरी, 2019 - दिसंबर, 2019) के अनुसार, विभिन्न स्रोतों से प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय लगभग 10,218 रुपये प्रति माह थी। क्योंकि कृषि परिवारों की आय पर अंतिम सर्वेक्षण 2019 में किया गया था, इसलिए साल 2023 और 2024 के दौरान प्रति कृषि परिवारों की औसत मासिक आय के आंकड़े उपलब्ध नहीं है।

ओडिशा में ‘दाना’ चक्रवात के कारण किसानों को हुआ नुकसान

ओडिशा में ‘दाना’ चक्रवात के प्रभाव को लेकर सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि चक्रवात सहित किसी भी आपदा के कारण किसानों को हुए नुकसान का आंकड़ा केंद्रीय स्तर पर नहीं रखा जाता है। हालांकि ओडिशा सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘दाना’ चक्रवात के कारण 87,855 हेक्टेयर फसल क्षेत्र 33 फीसदी और उससे अधिक हिस्सा प्रभावित हुआ।

जैविक और प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का आंकड़ा

आज सदन में सवालों का सिलसिला जारी रहा, एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि भारत सरकार परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई ) और इसकी उप-योजना भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन (एमओवीसीडीएनआर) के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। बीपीकेपी को अब राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन में बदल दिया गया है, जिसे 25 नवंबर 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था। सभी योजनाओं के तहत किसानों की कुल संख्या क्रमशः 19.37 लाख, 1.89 लाख और 2.15 लाख है।

सोलर पीवी मॉड्यूल के लिए पीएलआई योजना

पीएलआई योजना को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि भारत के 'आत्मनिर्भर' बनने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई है। उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना अभी अपने शुरुआती दौर में है। इसलिए आज तक कोई धनराशि वितरित नहीं की गई है।

प्रसाद ने कहा कि उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए पीएलआई योजना के तहत विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने वाले सौर निर्माताओं द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 31 अक्टूबर 2024 तक इस योजना के तहत लगभग 35,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे लगभग 10,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 22,500 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुआ है।

राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन

सदन में पूछे गए के प्रश्न का उत्तर देते हुए आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में कहा कि सिकल सेल रोग (एस सीडी) को समाप्त करने के लिए, राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएससीएईएम) को प्रधान मंत्री द्वारा एक जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश से लॉन्च किया गया। मिशन का उद्देश्य सभी सिकल सेल रोग रोगियों को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करना, जागरूकता सृजन के माध्यम से एस सीडी के प्रसार में कमी लाना, आदिवासी क्षेत्रों के प्रभावित जिलों में साल 2025-26 तक 0-40 वर्ष की आयु के सात करोड़ लोगों की जांच और केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से परामर्श देना है।