प्रदूषण

तेलंगाना के स्कूल, कॉलेजों की बिल्डिंगों की सुरक्षा के मुद्दे पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

Susan Chacko, Lalit Maurya

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 23 नवंबर 2023 को, राज्य भर के सरकारी स्कूलों और जूनियर कॉलेजों में लागू सुरक्षा उपायों पर एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अधिकारियों को चार सप्ताह की समय सीमा दी है।

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने तेलंगाना भर के सरकारी स्कूलों और जूनियर कॉलेजों के लिए पर्याप्त संख्या में अग्निशामक यंत्र सुनिश्चित करने के लिए परमादेश रिट जारी करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही याचिका में स्कूलों और जूनियर कॉलेजों में बिल्डिंग की सुरक्षा और स्वच्छता के साथ जल शुद्धता संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को आदेश देने की बात कही है।

इस जनहित याचिका में राज्य सरकार द्वारा स्कूल सुरक्षा नीति, 2016 में निहित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशानिर्देश के कार्यान्वयन पर भी सवाल उठाया गया है।

पुलवामा में चलता अवैध रेत खनन का कारोबार, एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 28 नवंबर 2023 को पुलवामा में होते अवैध खनन के मुद्दे पर रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने इस मामले में कश्मीर पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण और पुलवामा के जिला मजिस्ट्रेट से अगली सुनवाई से कम से कम एक सप्ताह पहले रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई पांच फरवरी, 2024 को होगी।

आवेदक के वकील, राजा मुजफ्फर भट ने अदालत को सूचित किया है कि एक निजी इकाई सतत रेत खनन प्रबंधन दिशानिर्देश, 2016 और रेत खनन प्रवर्तन और निगरानी दिशानिर्देश, 2020 के साथ-साथ पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन कर खनन कर रही है। बता दें कि इस इकाई को चार मार्च, 2022 को पर्यावरण मंजूरी दी गई थी।

पर्यावरण मंजूरी की जिन शर्तों का उल्लंघन किया गया है उनमें अन्य शर्तों के अलावा निर्दिष्ट क्षेत्रों के बाहर खनन, भारी मशीनरी का उपयोग और सक्रिय जल चैनलों के भीतर खनन पर प्रतिबंध जैसी शर्तें शामिल हैं। 

कैलाश नदी में होता अवैध खनन, एनजीटी ने अधिकारियों को नोटिस देने का दिया निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 28 नवंबर 2023 को कैलाश नदी में होते अवैध खनन के आरोपों के संबंध में अधिकारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। मामला उत्तराखंड में उधम सिंह नगर के नकुलिया गांव का है।

अदालत की राय है कि इस मामले में पर्यावरण सम्बन्धी नियमों से जुड़ा गंभीर मुद्दा उठाया गया है। ऐसे में कोर्ट ने उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूईपीपीसीबी), उधम सिंह नगर के जिला मजिस्ट्रेट और उत्तराखंड खनन विभाग को नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। वहीं यूईपीपीसीबी की ओर से पेश वकील का कहना है कि चूंकि खनन विभाग ने स्वीकृत खनन और अवैध खनन की सीमा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, ऐसे में यूईपीपीसीबी इस मामले में कोई कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं है। 

गौरतलब है कि 31 अक्टूबर, 2023 को समाचार पत्र 'हिन्दुस्तान' में छपी एक खबर पर स्वत: संज्ञान लेते कोर्ट ने यह मामला दर्ज किया है। इस खबर में खनन माफिया द्वारा किए जा रहे अवैध खनन पर प्रकाश डाला गया था। पता चला है कि यह खनन माफिया जेसीबी और पोकलैंड मशीनों की मदद से नदियों में अवैध खनन कर रहे हैं। इससे आसपास के लोगों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। खबर में यह भी कहा गया है कि कैलाश नदी में होते अवैध खनन से परेशान नकुलिया गांव के प्रधान ने एसडीएम को शिकायत सौंपी है। नदी में मशीनों की मदद से किए जा रहे इस खनन के चलते नदी का प्रवाह आबादी वाले क्षेत्रों की ओर हो गया है, जिससे ग्रामीणों के घरों और खेतों पर बाढ़ का जोखिम मंडराने लगा है। इतना ही नहीं क्षेत्र में छह से सात फीट गहरे गड्ढों की मौजूदगी की भी बात सामने आई है।