हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम (एसडब्ल्यूएम), 2016 का पालन न करने पर कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, रेवाड़ी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसकी जानकारी हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनजीटी में दायर रिपोर्ट में दी गई है। यह मामला रेवाड़ी के प्रताप पुर क्षेत्र में कचरे की डंपिंग और तालाब के अतिक्रमण से जुड़ा हुआ है|
इससे पहले 18 सितंबर, 2019 को एनजीटी ने जांच का आदेश दिया था, जिसके चलते 20 नवंबर, 2019 को इस क्षेत्र का निरीक्षण किया गया था। जिसमें ग्राम प्रतापपुर में तालाब के पास नगरपालिका के कचरे की डंपिंग का पता चला था| जिसके कारण क्षेत्रीय कार्यालय, धारूहेड़ा ने नगर परिषद, रेवाड़ी के कार्यकारी अधिकारी को निर्देश दिया था कि तालाब के पास से कचरा क्यों नहीं हटाया गया इस पर अपनी कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
इसके विषय में नगर परिषद, रेवाड़ी ने 29 नवंबर, 2019 को अपना जवाब दिया कि इस क्षेत्र में अतिक्रमण को हटाने के लिए काम किया जा रहा है| साथ ही तालाब के आसपास के क्षेत्रों से कचरा हटाने का अभियान भी परिषद द्वारा नियमित रूप से चलाया जा रहा है। इसके साथ ही जनता को जागरूक करने के लिए भी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
इस साइट की स्थिति को जानने के लिए एचएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी ने नगर परिषद, रेवाड़ी के प्रतिनिधि के साथ इस स्थल का दौरा किया था| जिसमें यह पाया गया कि इस क्षेत्र से कचरे का निपटान कर दिया गया है। इसके साथ ही नगर परिषद ने एनजीटी को यह बताया है कि उसने जिला रेवाड़ी में ठोस कचरे के संग्रहण, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान के लिए गांव राम सिंह पुरा में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के विकास के कार्य शुरू कर दिया है।
साथ ही परिषद ने ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए शुरू किये गए रेवाड़ी क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत जो सफलता हासिल की है उसका विवरण भी रिपोर्ट में प्रस्तुत किया है|
दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण के मामलों पर निगरानी के लिए पुलिस आयुक्त ने विशेष संचालक समितियों का गठन किया है। जिसके विषय में दिल्ली के ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ पुलिस उपायुक्त की ओर से दायर रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है| इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने 254 साउंड लेवल मीटर मंगवाए हैं। जिन्हें इस तरीके से वितरित किया गया है कि प्रत्येक नामित पुलिस अधिकारी और सभी पुलिस स्टेशनों में कम से कम एक साउंड लेवल मीटर उपलब्ध रहे|
इसके साथ ही ध्वनि प्रदूषण नियमों के तहत सभी नामित पुलिस अधिकारी जो प्रशिक्षक की भूमिका निभाएंगे, उनके लिए एक प्रशिक्षण का भी आयोजन किया गया था।
एनजीटी के आदेशानुसार लोगों की समस्याओं के जल्द निवारण के लिए सिस्टम को बेहतर और तेज किया गया है। समस्याओं को जल्द निपटाने के लिए वेब पोर्टल की मदद ली जा रही है। इसपर पंजीकृत शिकायतों को संबंधित एसएचओ और एसीपी को भेज दिया जाता है जिससे इसपर जल्द कार्रवाई की जा सके। इस सन्दर्भ में 1 जनवरी, 2020 से 15 मार्च, 2020 के बीच 971 कॉल प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 502 शिकायतें वेब पोर्टल के जरिये मिली हैं।
एनजीटी ने 3 जून को खसरा नंबर 593, ग्राम लव कुश नगर, छतरपुर, मध्य प्रदेश में ग्रेनाइट खनन के मामले को देखने के लिए एक संयुक्त समिति के गठन का निर्देश दिया है| यह माइनिंग 11.75 हेक्टेयर क्षेत्र में की जा रही है। साथ ही एनजीटी ने समिति को 4 सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है|
इस समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे:
गौरतलब है कि इस सन्दर्भ में एक याचिका एनजीटी में दायर की गई थी| जिसमें फरवरी 2016 में जारी खनन के लाइसेंस को रद्द करने और खनन बंद करने की मांग की गई थी| इसके साथ ही पर्यावरण को हुए नुकसान की मात्रा भी निर्धारित करने की मांग याचिकाकर्ता ने की थी|