प्रदूषण

पर्यावरण मुकदमों की डायरी: पुजल झील में बायोमेडिकल कचरा डालने के संबंध में टीएनपीसी ने एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट

Susan Chacko, Dayanidhi

तमिलनाडु के अम्बत्तूर के सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) को पुजल झील की दुर्दशा को सुधारने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। जिसमें झील में उचित तरीके से बाड़ (फेंसिंग) लगाना, झील को ठोस कचरे के अवैध डंपिंग से बचाने के लिए पत्थर बिछाना आदि शामिल था। पुजल झील के किनारों पर डंप किए गए सभी तरह के ठोस कचरे को हटाने के लिए भी कहा गया था।

टीएनपीसी द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के समक्ष पुजल झील में बायोमेडिकल वेस्ट डंपिंग के आरोप को लेकर सौंपी गई रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है।

टीएनपीसी ने 24 फरवरी, 2020 तथा 14 अगस्त, 2020 को स्थल का दौरा किया और पाया कि इस क्षेत्र में कोई भी बायोमेडिकल कचरा डंप नहीं हुआ है। हालांकि कचरा और अन्य मिश्रित ठोस अपशिष्ट झील के किनारों पर डंप किए गए थे।

13 मार्च, 2020 को चेन्नई के गुइंडी, टीएनपीसी कार्यालय में फार्मा उद्योगों (थोक दवा और निर्माण इकाइयों) के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक बुलाई गई थी और सभी थोक दवा और निर्माण इकाइयों को निम्नलिखित निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया था:

 i) जल अधिनियम और वायु अधिनियम के तहत वैध सहमति प्राप्त कर लागू करना

 ii) जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत जैव-चिकित्सा कचरे के उचित निपटान के लिए वैध प्राधिकरण लागू करने और प्राप्त करने के लिए

 iii) खतरनाक और अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन और ट्रांसबाउन्डरी मूवमेंट) नियम, 2016 के तहत खतरनाक कचरे के उचित निपटान के लिए वैध प्राधिकरण होने और 28.4 बंद विनिर्देश उत्पादों और 28.4 ऐसे उत्पादों जिनकी समयसीमा समाप्त हो गई है उनके निपटान के लिए श्रेणी 28 (अनुसूची -1) के तहत भी लागू होते हैं।

 iv) जिन दवाओं की समयसीमा समाप्त हो गई है उनके उचित निपटान को सुनिश्चित करने के लिए और झील या किसी अन्य जल निकायों या भूमि में न डाला जाए

 v) समयसीमा समाप्त होने वाली दवाओं की जवाबदेही के लिए उचित रजिस्टर को बनाना, जिसमें उत्पाद का पूरा ब्योरा शामिल होना चाहिए

पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट नहीं कर रहा है पर्यावरणीय मानदंडों का पालन

तमिलनाडु के त्रिची में एक पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं कर रहा था और स्थल-चयन के मानदंडों का उल्लंघन कर रहा था।

सीपीसीबी ने नए पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए 7 जनवरी को दिशानिर्देश जारी किए थे। त्रिची के जिला पर्यावरण अभियंता, तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) द्वारा 24 अक्टूबर को स्थल का निरीक्षण किया गया।

पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट सितंबर से चालू था और इस रिटेल आउटलेट से सटे कई आवासीय और व्यावसायिक भवन हैं, टीएनपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट के माध्यम से एनजीटी को यह सूचित किया।

तंदूर में वायु प्रदूषण

कलबुर्गी सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में एक हलफनामा दायर किया गया। यह हलफनामा, तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले कि तंदूर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी द्वारा दायर याचिका के जवाब में था, जिसमें कहा गया था कि तंदूर में सीमेंट कारखानों, निर्माण गतिविधियों और पत्थर काटने और पॉलिशिंग गतिविधियों के कारण वायु प्रदूषण हो रहा है।

सीमेंट उद्योग के अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि हाल के वर्षों में उद्योग में अत्याधुनिक तकनीक और प्रणालियां लगाई गई है, संचालन के लिए इसके निर्धारित शर्तों का पालन करते हुए प्रदूषण नियंत्रण उपायों का पालन किया जा रहा है।

प्रति माह 6 स्थानों पर परिवेशी वायु गुणवत्ता की निगरानी की जा रही है और 7 स्थानों पर परिवेशी शोर स्तर, उत्सर्जन और प्रति माह 5 स्थानों पर धूल उड़ने की दर और 7 स्टैक की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, कलबुर्गी सीमेंट उद्योग के 52.78 फीसदी एक ग्रीन बेल्ट क्षेत्र के अंतर्गत है। उद्योग ने भविष्य में ग्रीन बेल्ट के लिए पेड़ों और झाड़ियों की प्रजातियों को फैलाने और विकसित करने के लिए संयंत्र के भीतर अपनी नर्सरी भी विकसित की है।