24 अगस्त, 2020 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने टीएनपीसीबी के लिए एक आदेश जारी किया है, जिसमें उसे हानिकारक रसायनों के लिए आपातकालीन योजनाओं को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है| अपने इस आदेश में एनजीटी ने कहा है कि यह योजनाएं ऑफ-साइट और ऑन-साइट दोनों के लिए होंगी| साथ ही इन योजनाओं के निर्माण में एमएसआईएचसी नियम 1989 का भी ध्यान रखना जरुरी है|
कोर्ट के अनुसार इन योजनाओं का निर्माण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मिलित रूप से किया जाना चाहिए| साथ ही इसमें उन सभी प्राधिकरणों और संस्थाओं को शामिल किया जाना चाहिए जो इन पदार्थों के भंडारण और हैंडलिंग से जुड़े हैं| साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि इस कार्रवाई को जल्द से जल्द एक महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए|
गौरतलब है कि एनजीटी द्वारा जारी यह आदेश 2015 से चेन्नई के गोदाम में रखे 700 टन अमोनियम नाइट्रेट के मामले पर अदालत में दायर आवेदन के जवाब में आया है|
इस मामले में तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जो रिपोर्ट सबमिट की गई है उसके अनुसार इस गोदाम से 697 टन अमोनियम नाइट्रेट वाले 37 कंटेनरों को मेसर्स साल्वो एक्सप्लोसिव्स एंड केमिकल्स प्राइवेट के पास भेज दिया गया है। जोकि तेलंगाना में एक डेटोनेटर निर्माता है और उसके पास अमोनियम नाइट्रेट के लिए वैध लाइसेंस है। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि पहले की रिपोर्ट में इसकी मात्रा 740 टन बताई गई थी जोकि वास्तविकता में 697 टन है।
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लिए 24 अगस्त 2020 को एनजीटी ने एक आदेश जारी किया है| जिसमें निर्देश दिया है कि कृषि भूमि पर छोड़े जा रहे दूषित सीवेज और औद्योगिक अपशिष्टों के मामले में जरुरी कदम उठाए| मामला बीकानेर जिले के नोखा गांव से जुड़ा है|
गौरतलब है कि इस मामले में नोखा नगरपालिका सीवेज जनरेशन पॉइंट्स को जोड़ने के लिए जरुरी कदम उठाने का आदेश दिया गया था| साथ ही कृषि और पीने के अतिरिक्त अन्य कामों के लिए उपचारित अपशिष्ट का उपयोग करने के लिए कहा गया था।
आरएसपीसीबी द्वारा दायर रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि नोखा, नगर निगम ने एक एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी की स्थापना की है। हालांकि इस ट्रीटमेंट प्लांट को अभी चालू नहीं किया गया है| अभी तक इस प्लांट की स्थापना और संचालन के लिए आरएसपीसीबी से सहमति नहीं मिली है|
इस मामले में जांच रिपोर्ट और जो नमूने लिए गए हैं उससे प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर नोखा नगरपालिका बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी को एसपीसीबी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह नोटिस 28 फरवरी, 2020 को दिया गया था|
एनजीटी ने कृष्णा नदी में हो रहे अवैध खनन के मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तय सीमा को और बढ़ा दिया है| मामला गोदावरी-कृष्णा और उसकी सहायक नदियों में गाद निकालने और अवैध खनन का है| पूरा मामला तेलंगाना राज्य से जुड़ा है|
यह आरोप एक एनजीओ - लेजिस्मेंट फ़ॉर एम्पावरमेंट फ़ॉर लीजिटिमेट एक्शन (रेला) द्वारा राज्य अधिकारियों के खिलाफ लगाया गया है|