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भीड़भाड़ वाले इलाकों में नहीं चला सकते पटाखा व्यवसाय, कर्नाटक उच्च न्यायलय ने अनुमति देने से किया इंकार

यहां जानिए आखिर क्यों किया कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेंगलुरु के भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखा कारोबार को अनुमति देने से इंकार?

Susan Chacko, Lalit Maurya

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेंगलुरु के भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखा कारोबार को अनुमति देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने इस प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए अपने आदेश में कहा है कि "विस्फोटक पदार्थ, शराब, जहर आदि जैसी चीजों के व्यापार के लिए कोई भी नागरिक संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत व्यवसाय की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का दावा नहीं कर सकता है।

कोर्ट का कहना है कि यदि व्यापारियों के एक वर्ग के फायदे के लिए इस क्षेत्र में पटाखा व्यवसाय जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो इससे जनता को भारी खतरा होगा और इस आधार पर दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि 27 सितंबर, 2013 को एक आदेश के तहत बेंगलुरु के पुलिस महानिदेशक और निरीक्षक ने शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखों और आतिशबाजी के कारोबार को प्रतिबंधित कर दिया था। इस मामले में पटाखों और आतिशबाजी वस्तुओं के कारोबारियों ने ने 2013 में जारी इस आदेश के खिलाफ रिट याचिका दायर की थी।

ओलिव रिडले कछुओं के घोंसलों के रास्ते में नहीं है विल्लुपुरम में मछली पकड़ने का घाट: समिति रिपोर्ट

एनजीटी गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि विल्लुपुरम के अलगनकुप्पम गांव में मछली पकड़ने का घाट ओलिव रिडले कछुओं के घोंसलों के मार्ग में नहीं है। इस समिति में प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन शामिल थे।

गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अपने 4 मार्च, 2022 को दिए आदेश में एक संयुक्त समिति को यह पता लगाने का निर्देश दिया था कि क्या मौजूदा फिशिंग जेट्टी साइट ओलिव रिडले कछुओं के घोसलों और कालुवेली पक्षी अभयारण्य को प्रभावित करेगी।

संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस स्थान पर दौरे के दौरान प्रस्तावित परियोजना स्थल पर कोई जीवित ओलिव रिडले कछुओं का घोंसला नहीं देखा गया। हालांकि, रेत के टीले के पास कुछ पुराने घोंसले के निशान मौजूद हैं, जो इस परियोजना क्षेत्र से बाहर हैं और इन क्षेत्रों को पहले ही सीआरजेड मैप में सीआरजेड-1ए श्रेणी के रूप में चिह्नित किया हुआ है। यह स्थान परियोजना स्थल से करीब 500 मीटर की दूरी पर है। इस तरह उनके अनुसार इस परियोजना के निर्माण के कारण रेत के टीलों में कोई व्यवधान नहीं डाला गया है।

इस बारे में तमिलनाडु वन विभाग ने जानकारी दी है कि प्रस्तावित फिशिंग जेट्टी साइट क्रीक के दक्षिणी किनारे पर स्थित है, जो बंगाल की खाड़ी में एडयनथिट्टू और मुहाने को जोड़ती है। यह क्षेत्र ओलिव रिडले नेस्टिंग साइट क्षेत्र में नहीं है। 2 अगस्त, 2022 को जारी इस रिपोर्ट का कहना है कि हालांकि, मत्स्य विभाग द्वारा प्रस्तावित बंदरगाह के की खुदाई के लिए जो क्षेत्र चिन्हित किया गया है वो ओलिव रिडले सी टर्टल के घोंसले के पास स्थित है।