प्रदूषण

पर्यावरण मुकदमों की डायरी: राठी स्टील्स ने अपनी औद्योगिक इकाई को बंद करने के आदेश पर जानिए क्या दी एनजीटी में दलील

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार

Susan Chacko, Lalit Maurya

राठी स्पेशल स्टील्स लिमिटेड ने रीको औद्योगिक क्षेत्र में अपनी यूनिट को बंद किए जाने के मामले में एनजीटी के समक्ष प्रत्युत्तर दायर किया है। पूरा मामला राजस्थान में अलवर की तिजारा तहसील के रीको औद्योगिक क्षेत्र का है। जहां 5 मई, 2022 को राठी स्टील्स की एक यूनिट को दिल्ली एनसीआर और आसपास के क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन को लेकर बनाए आयोग ने तत्काल बंद करने का आदेश दिया था।

गौरतलब है कि इससे पहले आयोग ने 21 जनवरी, 2022 को इस यूनिट के संचालन के लिए दी गई सहमति की समय सीमा समाप्त होने के कारण उद्योग को बंद करने का आदेश दिया था।  राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गई यह सहमति की यह समय सीमा 31 जुलाई, 2021 को समाप्त हो गई थी।

इसके बाद 5 मई 2022 को आयोग ने इस यूनिट को बंद करने के लिए दूसरा आदेश पारित किया था, जिसमें ईआईए अधिसूचना 2006 के तहत पर्यावरण मंजूरी (ईसी) प्राप्त नहीं करने से संबंधित मुद्दे को आधार बनाया गया था। इन आदेशों के प्रत्युत्तर में राठी स्टील्स का कहना है कि इन दोनों आदेशों को रद्द कर दिया जाना चाहिए।

राठी स्टील्स ने इसके लिए जो दलील दी है उसमें कहा है कि ईआईए अधिसूचना 2006 के तहत प्रदान की गई सीमा के अनुसार पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता इस इकाई पर लागू नहीं होती है। उसके अनुसार इस यूनिट की क्षमता 27,000 टन प्रति वर्ष है, जबकि ईआईए अधिसूचना में कहा गया है कि 30,000 टन प्रति वर्ष से अधिक की क्षमता वाली ऐसी यूनिट्स को ही पर्यावरण मंजूरी की जरुरत होती है।

इसी तरह पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) के लिए 23 मार्च, 2020 को जो ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पारित किया है उसके अनुसार दो लाख टन प्रति वर्ष क्षमता वाली स्टैंडअलोन री-रोलिंग मिलों को इससे छूट प्रदान की है। यह छूट इस यूनिट की क्षमता से ज्यादा है। 

राठी स्टील्स के खिलाफ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दायर किया हलफनामा

अलवर के रीको औद्योगिक क्षेत्र में स्थित राठी स्पेशल स्टील्स लिमिटेड की औद्योगिक इकाई को बंद करने के मामले में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अपना हलफनामा 13 जून, 2022 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दायर कर दिया है। गौरतलब है कि राठी स्टील्स की इस यूनिट के पास न तो पर्यावरण मंजूरी थी न ही उसने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यूनिट को संचालित करने के लिए वैध सहमति (सीटीओ) थी।

उसका सीटीओ 31 जुलाई, 2021 को समाप्त हो गया था। इसी आधार पर आयोग ने इस इकाई को बंद करने के आदेश जारी कर दिए थे। गौरतलब है कि 29 मार्च, 2022 को मामले में एनजीटी ने राठी स्टील्स को इस यूनिट को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी थी और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को कानून के अनुसार अपीलकर्ता के रुख पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

इस मामले में आयोग ने जो हलफनामा कोर्ट में सबमिट किया है उसमें कहा है कि राठी स्टील्स न केवल एनजीटी के आदेश और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत मंजूरी प्राप्त करने के "वैधानिक दायित्व" का पालन करने में विफल रही है, साथ ही उसने एसपीसीबी से यूनिट को दोबारा नए सिरे से संचालित करने के लिए सहमति भी नहीं ली है।