प्रदूषण

अरावली में नए स्थानों पर हो रहा है अवैध खनन: रिपोर्ट

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार

Lalit Maurya

संगठन अरावली बचाओ नागरिक आंदोलन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सबमिट अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अरावली वन क्षेत्र के नए स्थानों जैसे बालियावास गांव के पास अवैध रेत खनन के सबूत मिले हैं। यह क्षेत्र हरियाणा में गुड़गांव के पास स्थित है।

ऐसे में अरावली बचाओ नागरिक आंदोलन ने अरावली में होते इस अवैध खनन के गोरखधंदे को रोकने के लिए एक स्वतंत्र अरावली संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना के साथ वैकल्पिक निर्माण सामग्री को बढ़ावा देने जैसे उपाय सुझाए हैं। पूरा मामला हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम और नूंह में अरावली रेंज में हो रहे अवैध बालू और पत्थर खनन से जुड़ा है।

गौरतलब है कि यह रिपोर्ट 7 अक्टूबर, 2022 को संयुक्त समिति द्वारा सबमिट रिपोर्ट और 8 अक्टूबर, 2022 को खान और भूविज्ञान विभाग के निदेशक द्वारा दिए हलफनामे के जवाब में अरावली बचाओ नागरिक आंदोलन द्वारा कोर्ट में सबमिट की है।

रिपोर्ट के मुताबिक गुड़गांव में गैरतपुर बास गांव के पास पंडाला हिल्स अवैध खनन के चलते बुरी तरह प्रभावित हुआ है लेकिन इसके बावजूद उसकी पारिस्थितिक बहाली के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साइट पर दौरे के दौरान पंडाला हिल्स में ताजा अवैध खनन के सबूत भी मिले हैं।

गौरतलब है कि आवेदक अरावली बचाओ नागरिक आंदोलन की टीम ने 6 नवंबर 2022 को टिकली गांव के पास अरावली क्षेत्र में अवैध खनन होते देखा था। इसी तरह जलालपुर सोहना के पास के अरावली क्षेत्र का भी यही हाल है।

वहीं खड़क गांव के पास किए गए स्थल निरीक्षण में भी अवैध खनन से जुड़ी गतिविधियां पाई गई हैं। इसी तरह, कोटा खंडेवला गांव में मानेसर पुलिस लाइन परिसर के पास अरावली क्षेत्र में मार्च 2022 में किए एक साइट दौरे के दौरान अवैध पत्थर खनन पाया गया था।

आवेदक ने 28 नवंबर, 2022 को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि समिति की ओर से "अवैध पत्थर खनन को साधारण मिट्टी का निष्कर्षण" कहना गलत है।

अरावली, हरियाणा में अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया की जाएगी तैयार

हरियाणा खान एवं भूतत्व विभाग, फरीदाबाद, गुरुग्राम और नूंह जिलों के अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। जानकारी दी गई है कि विभाग ने अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन की 44 शिकायतों में से 9 मामलों में कार्रवाई की है। इसके अलावा अरावली क्षेत्र से साधारण मिट्टी/मिट्टी के खनन के संबंध में कोई अल्पकालीन परमिट जारी नहीं किया गया है।

इस मामले में खान और भूविज्ञान विभाग ने न्यायाधिकरण को सूचित किया है कि उसने अवैध खनन को रोकने के लिए कार्य योजना प्रस्तुत की है। यह निर्णय लिया गया कि हरियाणा में अवैध खनन की रोकथाम में शामिल सभी हितधारकों के मार्गदर्शन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी।

इस संबंध में 22 अगस्त 2022 के पत्र द्वारा सभी फील्ड कार्यालयों को निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इस मानक संचालन प्रक्रिया में जिला और राज्य दोनों स्तरों पर विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा की जाने वाली कार्रवाईयां शामिल की जाएंगी।