चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीपीसीएल) अपनी चेन्नई यूनिट से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय कर रहा है। यह जानकारी सीपीसीएल द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को 20 अक्टूबर, 2022 को सौंपी रिपोर्ट में कही है।
जानकारी दी गई है कि यूनिट की बॉयलरों, भट्टियों, गैस टर्बाइनों और हाइड्रोजन उत्पादन इकाइयों में रीगैसीफाइड लिक्यूफीड नेचुरल गैस (आरएलएनजी) को उपयोग करने के लिए 312.6 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जिससे उसे पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सके।
गौरतलब है कि आरएलएनजी रूपांतरण से कार्बन उत्सर्जन में कमी आने के साथ यूनिट के कार्बन फुटप्रिंट पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और हाइड्रोजन उत्पादन के लिए विशिष्ट फीड और ईंधन की खपत में कमी आएगी। इन सभी फायदों के अलावा इस परियोजना से सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ2) और पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन में कमी आएगी। साथ ही जानकारी दी गई है कि इस यूनिट में कम सल्फर युक्त ईंधन का उपयोग किया जा रहा है।
इस मामले में एनजीटी ने मीडिया में छपी उस खबर पर संज्ञान लिया था, जिसमें कहा गया था कि उत्तरी चेन्नई में छह उद्योग पिछले आधे साल से भी ज्यादा समय से हवा को दूषित कर रहे हैं। इस मीडिया रिपोर्ट में निम्न उद्योगों को सूचीबद्ध किया था, जिनमें उत्तर चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन, एनटीपीसी तमिलनाडु एनर्जी कंपनी लिमिटेड, चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, तमिलनाडु पेट्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड, मनाली पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड शामिल थे।
सीवेज प्रदूषण से अड्यार नदी को बचाने के लिए सीएमडब्लूएसएस ने शुरू की हैं कई परियोजनाएं
चेन्नई मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (सीएमडब्लूएसएस) ने एनजीटी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीवेज प्रवाह को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। जो नदियों अड्यार, कूम और बकिंघम नहर प्रदूषण को रोकने में मदद करेगा। इस मामले में एनजीटी ने चेन्नई के चेटपेट में कूम नदी के किनारे डाले जा रहे कचरे और होते अतिक्रमण के संबंध अखबार में प्रकाशित एक खबर के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया था।
इस मामले में कोर्ट में 20 अक्टूबर, 2022 को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएमडब्ल्यूएसएस ने 'कूम नदी एकीकृत पर्यावरण-पुनर्स्थापन परियोजना' के कार्यान्वयन के लिए 15 उप परियोजनाएं शुरू की हैं।
इनमें चेटपेट में डायवर्टेड सीवेज के उपचार के लिए तीन मॉड्यूलर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), लैंग्स गार्डन में एक 10 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और एक अंडरग्राउंड सीवरेज स्कीम (यूजीएसएस) शामिल थे। जानकारी मिली है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने पर, कूम नदी में छोड़े जा रहे 37 सीवेज नालों को बंद कर दिया जाएगा।
सीएमडब्ल्यूएसएस द्वारा अड्यार नदी की बहाली के लिए एक अन्य योजना भी शुरू की गई है। इसके पूरा होने पर चेन्नई शहर के भीतर अड्यार नदी में छोड़े जा रहे 39 सीवेज नालों को बंद कर दिया जाएगा।
देहरादून में वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट से होते प्रदूषण के मामले में एनजीटी ने अधिकारियों को किया तलब
एनजीटी ने अगली सुनवाई पर देहरादून के क्षेत्रीय अधिकारी, जिला मजिस्ट्रेट और नगर निगम आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। मामला देहरादून नगर निगम द्वारा शीशमबाडा सेलाकुई में स्थापित वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट से जुड़ा है। जो आसन नदी को प्रदूषित करने के साथ वायु प्रदूषण के लिए भी जिम्मेवार है। इस मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी, 2023 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी।
अदालत ने कहा है कि "संबंधित दस्तावेजों को पेश करने और मामले में शामिल सवालों के उचित जवाब और सही निर्णय लेने में अदालत की सहायता करने के लिए यह कदम जरूरी था।"
गौरतलब है कि पचवडून संयुक्त समिति ने एनजीटी के समक्ष अपनी याचिका में नगर निगम देहरादून द्वारा शीशमबाडा सेलाकुई में वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट की अवैध स्थापना के बारे में शिकायत की थी। यह प्लांट आसन नदी को प्रदूषित कर रहा है। इसके साथ ही क्षेत्र में भूजल को दूषित करने के साथ बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए भी जिम्मेवार है।