प्रदूषण

भद्रवाह में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के मामले में कोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार

Susan Chacko, Lalit Maurya

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने 18 अक्टूबर, 2022 को जारी आदेश में संबंधित अधिकारियों निर्देश दिया है कि भद्रवाह के धार्मिक स्थलों पर सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबन्ध के मामले में अपने जवाब कोर्ट में दाखिल करें। मामला जम्मू कश्मीर में डोडा जिले के भद्रवाह का है।

इस मामले में एनजीटी ने जम्मू कश्मीर से उसकी प्रतिक्रिया मांगी है। साथ ही जम्मू कश्मीर के प्रधान मुख्य वन संरक्षक,  नगर समिति, भद्रवाह और भद्रवाह विकास प्राधिकरण के साथ जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डोडा जिला मजिस्ट्रेट को दो महीने के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

जम्मू कश्मीर में उच्च न्यायालय के एक वकील जोगिंदर सिंह ठाकुर ने चिनाब घाटी में अतिरिक्त आयुक्त, भद्रवा को एक ज्ञापन दिया था, जिसमें भद्रवाह के धार्मिक स्थलों पर सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। उन्होंने अपने आवेदन की एक प्रति एनजीटी को भी भेजी थी।

क्या ताराडी-ढाबड़ा शशिखल मोटर मार्ग के लिए पर्यावरण मंजूरी की जरूरत है: एनजीटी

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 19 अक्टूबर, 2022 को दिए आदेश में कहा है कि क्या ईआईए अधिसूचना 2006 के मद्देनजर गांव मल्ला धधरिया में नौला के ऊपर ताराडी-ढाबड़ा शशिखल मोटर मार्ग के लिए पर्यावरण मंजूरी (ईसी) की आवश्यकता है। अधिकारियों को  इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

गौरतलब है कि नौला एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जलस्रोत है। यह पत्थर से बना एक टैंक है जो झरनों और उससे टपकता पानी से भर जाता है। यह बाहर से एक मंदिर जैसा दिखता है।

इस मामले में गणेश चंद शर्मा ने एनजीटी में 10 अप्रैल, 2022 को दाखिल अपने आवेदन में कहा था कि ताराडी-ढाबड़ा शशिखल मोटर मार्ग का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए और नौला को नुकसान से बचाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग अपनाया जाना चाहिए। अदालत ने मामले को विचार के लिए 15 फरवरी, 2023 की तारीख दी है।

अवेरी स्टोन क्रशर मामले में एनजीटी ने दिए जांच के निर्देश

एनजीटी ने अवेरी गांव में संचालित स्टोन क्रशर मामले की जांच के लिए एक संयुक्त समिति के गठन का निर्देश दिया है। मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की निरमंड तहसील का है। पता चला है कि स्टोन क्रेशर पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर रहा था।

अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि समिति इस साइट का दौरा करेगी और आवेदक की शिकायतों को देखेगी। साथ ही वो तथ्यात्मक स्थिति की पुष्टि करेगी और इस मामले में जरूरी उपचारात्मक कार्रवाई करेगी।

गंगा नदी के पास किए जा रहे निर्माण के मामले में एनजीटी ने सरकार से मांगा जवाब

एनजीटी ने राज्य और पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है। मामला स्वर्ग आश्रम न्यास से जुड़ा है जो गंगा नदी से 100 मीटर की दूरी पर दुकानों का निर्माण कर रहा है।

इस मामले में नवीन राणा द्वारा 6 अगस्त, 2022 को ट्रिब्यूनल के समक्ष एक आवेदन दायर किया था।