प्रदूषण

एनजीटी ने गैस रिसाव के मामले में टेक्सटाइल कंपनी पर लगाया 10 करोड़ का जुर्माना

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार

Susan Chacko, Lalit Maurya

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक परिधान कंपनी पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले के अचुतपुरम में ब्रांडिक्स एसईजेड क्षेत्र में हुई गैस रिसाव की दो घटनाओं के चलते लगाया गया है। गौरतलब है कि 2022 में सीड्स इंटिमेट अपैरल फैक्ट्री में हुईं इन दो घटनाओं में बड़ी संख्या में श्रमिको प्रभावित हुए थे।

वहीं एनजीटी ने यूनिट को भविष्य में निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने और पर्यावरण एवं पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। अपने आदेश में अदालत ने गैस रिसाव के कारण अस्पताल में भर्ती कराए गए 539 श्रमिकों को एक-एक लाख रुपये के मुआवजे का हकदार ठहराया है। साथ ही अदालत ने कहा कि परियोजना प्रस्तावक 10 करोड़ रुपये का मुआवजा भरने के लिए जवाबदेह है।

अदालत ने निर्देश दिया कि 10 करोड़ रुपये का यह मुआवजा अगले दो महीनों के भीतर आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा किया जाना चाहिए। इसमें  विफल रहने पर एसपीसीबी द्वारा फैक्ट्री को बंद करने सहित अन्य कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।

अदालत ने आंध्र प्रदेश राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को पीड़ितों की पहचान करने और मुआवजे का भुगतान करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने का आदेश दिया है। इन लोगों को मुआवजा देने के बाद शेष राशि एसपीसीबी द्वारा कार्य योजना तैयार कर क्षेत्र में पर्यावरण के सुधार के लिए खर्च की जाएगी। इससे जुड़ी योजना को एक महीने के भीतर तैयार करना है।

18 जनवरी, 2023 को एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि बहाली के उपायों में वृक्षारोपण और अन्य उपायों के साथ-साथ क्षेत्र में वाष्पशील यौगिकों की निगरानी के लिए उपकरणों की स्थापना शामिल की जानी चाहिए।

विदयुत संयंत्रों में सुरक्षा उपायों के मामले में एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट

एनजीटी ने 18 जनवरी 2023 को मैसर्स एनएलसी इंडिया लिमिटेड को यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े उपचारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया है कि कंपनी की लापरवाही से भविष्य में कोई दुर्घटना न हो।

साथ ही तमिलनाडु के मुख्य सचिव को अगले एक महीने के भीतर ऐसे प्रतिष्ठानों में सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन के संबंध में समीक्षा करने और बचाव के लिए उपचारात्मक उपायों का उल्लेख करते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही आवश्यक नीतियों की समीक्षा के लिए यह रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण, कोयला और बिजली मंत्रालयों को भी भेजी जानी चाहिए।

न्यायालय ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) से इस तरह के प्रतिष्ठानों में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने संबंधी उपायों पर विचार करने और ऐसे संयंत्रों को पर्यावरण मंजूरी (ईसी) देते समय उपयुक्त शर्तों को शामिल करने के लिए कहा था। आदेश में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय और बिजली मंत्रालय को भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। इसमें बिजली संयंत्रों का आधुनिकीकरण भी शामिल है।

एनजीटी के न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और सुधीर अग्रवाल की पीठ ने कहा कि यह निराशाजनक है कि प्रबंधन की ओर से लापरवाही के कारण इस तरह की घटनाएं दोबारा हो रही हैं। ऐसे में यह स्थानीय स्तर पर प्रबंधन के गंभीर आत्म-चिंतन और साथ ही प्रतिष्ठान में उच्च स्तर पर कठोर सुधारात्मक कार्रवाई की जरूरत को उजागर करता है।

गौरतलब है कि 22 दिसंबर, 2022 को कुड्डालोर जिले के नेवेली में नेवेली न्यू थर्मल पावर स्टेशन (एनएनटीपीएस) में आग लगने की घटना में एक की मौत हो गई थी और 4 लोग घायल हो गए थे।

केरल पत्थर खनन मामले में एनजीटी ने तलब की रिपोर्ट

एनजीटी ने 18 जनवरी 2023 को एक सात सदस्यीय संयुक्त समिति को केरल में आवासीय क्षेत्रों और सार्वजनिक सड़कों के आसपास पत्थर की खदानों के संचालन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दायर रिपोर्ट में 9 जुलाई, 2020 को अपनी टिप्पणी में कहा था कि "इस विवाद में कोई दम नहीं है कि पर्यावरण की कीमत पर केरल की विशिष्ट स्थलाकृति के संबंध में खनन की अनुमति दी जानी चाहिए।"