प्रदूषण

दिल्ली के रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से चलती फैक्ट्रियां, पर्यावरण सचिव को नोटिस जारी करने का दिया निर्देश

मई 2004 में, सुप्रीम कोर्ट ने रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से चल रहे कारखानों को बंद करने का निर्देश दिया था

Susan Chacko, Lalit Maurya

दिल्ली के रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से चलती फैक्ट्रियों और उससे जुड़े खतरों के मामले में एनजीटी ने दिल्ली के पर्यावरण सचिव को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के सदस्य सचिव, पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट और नगर निगम के आयुक्त को भी नोटिस देने को कहा है।

इससे जुड़े मूल आवेदन में दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में एक प्लास्टिक फैक्ट्री में कंप्रेसर में हुए विस्फोट का जिक्र किया गया, जिसमें दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए थे। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने अपनी रिपोर्ट में भी इस खबर की पुष्टि की है। हालांकि कोर्ट के मुताबिक रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख नहीं किया गया कि मृतकों या घायलों के परिवारों को मुआवजे के रूप में कोई पैसा दिया गया था या नहीं।

गौरतलब है कि मई 2004 में, सुप्रीम कोर्ट ने आवासीय क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रहे कारखानों से जुड़े मामले में एक आदेश जारी किया था। इस आदेश के मुताबिक, दिल्ली में जो भी फैक्ट्रियां एक अगस्त 1990 के बाद रिहायशी इलाकों में बनी हैं, उन्हें बंद करना होगा।

मुजफ्फरनगर में जान के लिए खतरा बन रहे ईंट भट्टे के खाली पड़े गड्ढे

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 13 सितंबर, 2023 को मुजफ्फरनगर में लोगों के लिए सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे ईंट भट्टों के मामले को देखने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश दिया है। मामला ईंट भट्ठों के खाली पड़े गड्ढों से जुड़ा है जो समस्या पैदा कर रहे हैं।

कोर्ट के निर्देशानुसार समिति मौके  पर जाकर स्थिति का जायजा लेगी और इसकी बहाली के लिए उपाय भी सुझाएगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले इस रिपोर्ट को सबमिट करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई पांच जनवरी, 2024 को होगी।

इस मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले शख्स का कहना है कि मुजफ्फरनगर जिले के एक हिस्से में ईंट भट्टा मालिकों ने खेत के पास जमीन में करीब 15 से 20 फीट गहरे गड्ढे खोद मिट्टी का अवैध खनन किया, फिर उन गड्ढों को ऐसे ही छोड़ दिया। जब बारिश होती है तो यह गड्ढे पानी और कीचड़ से भर जाते हैं। दुःख की बात है कि गलती से इन गड्ढों में गिरने से अब तक पांच बच्चों की मौत हो चुकी है।