प्रदूषण

लुधियाना में बुरी तरह प्रदूषित हो गए हैं पांच तालाब, लोगों के स्वास्थ्य को कर रहे प्रभावित

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार

Susan Chacko, Lalit Maurya

पांच तालाबों की दुर्दशा पर दायर शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एनजीटी ने संयुक्त समिति को जांच का निर्देश दिया है, मामला लुधियाना के आलमगीर का है। दो अगस्त, 2023 को दिए अपने इस आदेश में कोर्ट ने संयुक्त समिति को साइट का दौरा करने के साथ अतिक्रमणकारियों की पहचान करने, अतिक्रमण को हटाने और तालाबों की बहाली के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा है।

इस समिति में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी), के चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय, पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीएसपीसीबी) और लुधियाना जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) शामिल होंगें। कोर्ट ने समिति को रिपोर्ट सबमिट करने के लिए अगले दो महीनों का समय दिया है।

गौरतलब है कि आवेदक चरण सिंह ने एनजीटी को अपनी याचिका में कहा था कि लुधियाना के आलमगीर गांव में पांच तालाब गंभीर रूप से प्रदूषित हैं, जो वहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।

अपनी याचिका में उन्होंने बाबा डेरा के पास स्थित एक तालाब का उदाहरण देते हुए कहा है कि चार एकड़ में फैले इस तालाब पर ग्रामीणों ने कब्जा कर लिया है, साथ ही यह तालाब गंदे पानी, कचरे और घास से भर गया है। इसी तरह सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के करीब स्थित एक अन्य तालाब में पास के नाले का पानी भर जाता है, जिससे दुर्गंध पैदा हो रही है, इसकी वजह से स्वास्थ्य को भी खतरा पैदा हो रहा है।

राजीव गांधी खेल स्टेडियम के सामने डंप किया जा रहा कचरा, एनजीटी ने कमेटी से एक माह में मांगी रिपोर्ट

धारूहेड़ा नगर पालिका द्वारा एकत्र किए कचरे को राजीव गांधी खेल स्टेडियम के सामने अवैध तौर पर डंप करने के मामले में एनजीटी ने जांच समिति से रिपोर्ट तलब की है। मामला हरियाणा में औद्योगिक क्षेत्र धारूहेड़ा से जुड़ा है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा है कि इस रिपोर्ट में स्टेडियम के गेटों से कूड़ा हटाने के लिए उठाए गए कदमों और धारूहेड़ा में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की स्थिति को शामिल किया जाना चाहिए। कोर्ट ने समिति को अपनी रिपोर्ट सबमिट करने के लिए एक माह का समय दिया है।

दो अगस्त, 2023 को दिए अपने इस आदेश में एनजीटी ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) और रेवाड़ी के जिला मजिस्ट्रेट की एक संयुक्त समिति को साइट का दौरा करने और आवेदक की शिकायतों पर गौर करने का निर्देश दिया है। यह समिति परियोजना प्रस्तावक के प्रतिनिधि से भी मिलेगी, वहां की स्थिति का जायजा लेगी और कानून को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई करेगी।

यह समिति एमएसडब्ल्यू नियम, 2016 के अनुपालन, पैदा हो रहे कचरे, वर्षों से जमा कचरे के प्रसंस्करण और प्रबंधन से जुड़ी रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपेगी। इस मामले में राज्य प्रदूषण नियंत्रल बोर्ड समन्वय और अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी होंगें।

गौरतलब है कि आवेदक प्रकाश यादव ने एनजीटी में दायर अपनी शिकायत में कहा था कि स्टेडियम के सामने कचरे की अवैध डंपिंग से आवारा मवेशी आकर्षित हो रहे हैं और स्टेडियम में आने-जाने वाले लोगों और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।

रिटौली में स्कूल के प्रिंसिपल ने बड़ी संख्या में काटे पेड़, एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि इस बात की जांच करने की आवश्यकता है कि क्या रिटौली में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल ने नियमों को ताक पर रख 174 पेड़ों को काटा था। मामला हरियाणा में जींद के पिल्लू खेड़ा ब्लॉक का है।

मामले में कोर्ट ने हरियाणा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक को स्थिति की जांच करने और आवेदक की शिकायतों पर गौर करने के लिए कहा है। साथ ही तय नियमों का पालन करते हुए उपरोक्त स्कूल परिसर के भीतर इसकी बहाली और बदले में नए पेड़ों को लगाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने हरियाणा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक को दो माह के भीतर तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

आवेदक का दावा है कि स्कूल प्रिंसिपल ने उचित नियमों का पालन किए बिना करीब 174 पेड़ काटे और बेच दिए हैं। इसके लिए न ग्राम पंचायत की मंजूरी ली गई और न ही समिति बनाई गई।

यहां तक की समाचार पत्रों में पेड़ों की नीलामी का विज्ञापन भी नहीं दिया गया। सिर्फ बच्चों के लिए खेल का मैदान बनाने के नाम पर इन पेड़ों को काट दिया गया। आवेदक के मुताबिक, इस कार्रवाई से पर्यावरणीय को नुकसान पहुंचा है।