प्रदूषण

पर्यावरण मुकदमों की डायरी : 9 मई 2019

DTE Staff

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने त्रिपुरा सरकार के जरिए जैविक कचरे और ठोस कचरे के लिए  उठाये जा रहे कदमों पर असंतुष्टि जाहिर की है। पीठ ने कहा है कि ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 को लागू करने व समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए के लिए जो कदम उठाए जाने चाहिए थे वह समय से नहीं किए गए। त्रिपुरा सरकार ने 7 मई को एनजीटी में अपना जवाब दाखिल कर कहा है कि शहरी विकास विभाग के जरिए ठोस कचरा प्रबंधन नीति बीते वर्ष 2018 में अक्तूबर में तैयार हो गई थी। वहीं, घर-घर से कचरा उठाने व छांटने के लिए 3.50 करोड़ रुपए भी आवंटित कर दिए गए। अब बाओ मेडिकल कचरे का उपचार करने के लिए 12 प्रवाह शोधन संयंत्र (इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) लगाने की प्रक्रिया शुरु हो गई है।

एनजीटी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दो महीनों के भीतर पश्चिमी बर्दवान जिले में पुतुलिया (रुनाकुरा घाट) नदी किनारे खनन की जांच का आदेश दिया है। 7 मई, 2019 को सुनवाई के दौरान बर्दवान जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर एनजीटी ने असंतुष्टि जाहिर करने के बाद यह आदेश दिया। जिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नदी किनारे खनन को लेकर किसी तरह का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है। इस पर पीठ ने कहा कि बिना किसी तस्वीर और सबूत के रिपोर्ट स्वीकार योग्य नहीं है।

पंजाब के कपूरथला नगर निगम क्षेत्र में सेक्रेड हर्ट पब्लिक स्कूल की याचिका पर एनजीटी ने पंजाब के मुख्य सचिव को जिले में ठोस कचरा प्रबंधन की स्थिति को जांचने का आदेश दिया है। 7 मई को याची स्कूल ने एनजीटी में तस्वीरें पेश कर यह आरोप लगाया था कि याचिका दाखिल किए जाने के बाद ही अवैध तरीके से स्कूल के इर्द-गिर्द कूड़ा-कचरा फेका और जलाया जा रहा है।

 एनजीटी ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पूछा है कि आखिर पश्चिमी घाट के पर्यावरण संवेदी क्षेत्र की अधिसूचना का क्या हुआ? एनजीटी ने 7 मई को पर्यवारण मंत्रालय को एक महीने में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। एनजीटी ने गौर किया कि 24 अगस्त, 2018 को आदेश दिया गया था कि छह महीनों में पश्चिमी घाट के पर्यावरण संवेदी सीमा की अधिसूचना जारी होनी चाहिए।