प्रदूषण

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने फिर कहा कि वायु प्रदूषण से मौत का सबूत नहीं

Vivek Mishra

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने एक बार फिर राज्यसभा के एक लिखित जवाब में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी होने वाले वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौत के आंकड़ों को नकारा है। उन्होंने कहा कि देश में ऐसा कोई निष्कर्ष पूर्ण आंकड़ा अभी तक नहीं मौजूद है जो यह स्थापित करे कि वायु प्रदूषण से मौत या बीमारी होती है।

उन्होंने सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान एक जवाब में कहा कि भारत में प्लास्टिक का आयात इस अगस्त से बंद किया जाएगा। प्रदूषण को कम करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। पर्यावरण मंत्री की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत में प्रतिदिन 20 हजार टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। इसमें महज 13 हजार से 14 हजार प्लास्टिक कचरा ही एकत्र होता है।

वहीं, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पर्यावरण और वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए स्कूलों के बच्चों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसमें बच्चों को पौधे लगाने के साथ उनकी देखभाल करना भी सिखाया जा रहा है। जल्द ही इसे वृहत स्तर पर शुरु किया जाएगा।  इसके अलावा जावडेकर ने कहा कि सरकार लोगों के सहयोग से शहरी जंगल की फेंसिंग को लेकर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण आज वैश्विक अवधारणा बन चुका है। कई शहर इसके बेहद गंभीर परिणाम भुगत रहे हैं।

कुछ राज्य सड़कों को चौड़ा करने के नाम नियमों का उल्लंघन कर रही है इस सवाल पर प्रकाश जावडेकर की ओर से कहा गया कि उनकी ओर से तत्काल कार्रवाई को लेकर पत्र लिखा गया है।  पर्यावरण मंत्रालय के अपने पूर्व कार्यकाल में 2016 के दौरान प्रकाश जावडेकर ने एक साक्षात्कार के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि वायु प्रदूषण  से मौत को जोड़कर देखने के लिए यह कोई अध्ययन मौजूद नहीं है। वहीं, उन्होंने यह भी कहा था कि भारत की ओर से विभिन्न देशों की वायु गुणवत्ता के आंकड़े जारी किए जाएंगे।

सिर्फ विश्व स्वास्थ्य संगठन ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय जर्नल द लांसेट और भारत सरकार की स्वास्थ्य दशा संबंधी विस्तृत रिपोर्ट में भी इस तथ्य को उभारा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण बच्चों की समयपूर्व मौते हो रही हैं। वहीं, बच्चों को वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा दुष्परिणाम झेलना पड़ रहा है। इससे पहले पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी वैश्विक रिपोर्ट के दावे को खारिज किया था।