प्रदूषण

ग्रेटर नोएडा में बढ़कर 346 पर पहुंचा एक्यूआई, पटना-गाजियाबाद में भी बह रही जानलेवा बयार

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां प्रदूषण में मामूली बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के करीब पहुंच गया है। दूसरी तरफ फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 24 अंकों की गिरावट आई है&nbs

Lalit Maurya

देश के बाकी शहरों को पीछे छोड़ ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण से स्थिति 'बेहद खराब' है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर (एक्यूआई) 346 पर पहुंच गया है। इसी तरह पटना-गाजियाबाद में हवा जहरीली बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में 'बेहद खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 32 दर्ज किया गया है। यदि  ग्रेटर नोएडा के प्रदूषण की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां हवा 11 गुणा ज्यादा खराब है।

इसी तरह देश में आज भी 29 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में भी मामूली गिरावट आई है। इन शहरों में अंगुल, आसनसोल, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भिवानी, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, दिल्ली, फरीदाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, हाजीपुर, कटनी, क्योंझर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नयागढ़, नोएडा, रोहतक, राउरकेला, सिंगरौली, सिवान, सुआकाती शामिल हैं।

यदि राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां प्रदूषण में मामूली बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के करीब पहुंच गया है। दूसरी तरफ फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 24 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 248 पर पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 14 शहरों  में हवा बेहतर बनी हुई है। इन शहरों चामराजनगर, देवास, डूंगरपुर, हल्दिया, मदिकेरी आदि शामिल हैं। कल की तुलना में देखें तो बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है। कुछ ऐसी ही स्थिति संतोषजनक हवा वाले शहरों की है, जिनकी संख्या में कल के मुकाबले 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों में बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर आदि शामिल हैं। वहीं देश के 109 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'मध्यम' दर्ज किया गया है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में दस फीसदी की गिरावट आई है। कुल मिलकर देखें तो देश की वायु गुणवत्ता में कल के मुकाबले सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पांच मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 247 में से 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि चार मई 2024 यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया था।

109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 29 शहरों दिल्ली, फरीदाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, हाजीपुर, कटनी, क्योंझर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नयागढ़, नोएडा, रोहतक, राउरकेला, सिंगरौली, सिवान, सुआकाती आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (309), ग्रेटर नोएडा (346) और पटना (316) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 10 अंक बढ़कर 291 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 248, गाजियाबाद में 309, गुरुग्राम में 248, नोएडा में 298, ग्रेटर नोएडा में 346 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 79 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 193, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 95, जयपुर में 135 और पटना में 316 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

मदिकेरी (32) सहित देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल (44), अरियालूर (45), बागलकोट (46), चामराजनगर (46), देवास (39), डूंगरपुर (45), हल्दिया (34), मदिकेरी (32), पालकालाइपेरुर (39), राजमहेंद्रवरम (48), राजसमंद (48), रामनाथपुरम (44), सूरत (43) और विजयपुरा (43) शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, बदलापुर, बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जलना, जालौर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, खन्ना, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नारनौल, नासिक, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रामनगर, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर, यमुनानगर आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।