प्रदूषण

एयर क्वालिटी ट्रैकर: धीरे-धीरे ही सही भारत में सुधर रही है हवा, 88 में साफ, 111 में संतोषजनक रहा प्रदूषण का स्तर

देश के 88 शहरों में हवा साफ रही, जबकि फरीदाबाद-बल्लभगढ़ सहित 111 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक रहा

Lalit Maurya

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 सितम्बर 2023 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 224 में से 88 शहरों में हवा 'बेहतर' रही, जबकि 111 शहरों की श्रेणी 'संतोषजनक' रही, 23 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' रही। जबकि कुड्डालोर (204) और बर्नीहाट (246) में वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू रहा। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 104 दर्ज किया गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 73, गाजियाबाद में 154, गुरुग्राम में 142, नोएडा में 114, ग्रेटर नोएडा में 121 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 71 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 92, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 81, हैदराबाद में 82, जयपुर में 60 और पटना में 61 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 88 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 46, अजमेर 48, अकोला 46, अमरावती 38, अरियालूर 24, आसनसोल 28, बागलकोट 42, बारां 44, बरेली 40, बारीपदा 31, बेलगाम 47, बेंगलुरु 40, भिलाई 30, भिवंडी 50, भोपाल 39, बीदर 26, बिहारशरीफ 37, ब्रजराजनगर 33, चामराजनगर 46, छाल 24, चिकबलपुर 19, दमोह 22, दावनगेरे 35, देवास 46, धौलपुर 38, फिरोजाबाद 34, गडग 47, हाजीपुर 26, हल्दिया 39, हसन 47, हावेरी 40, होसुर 26, हावड़ा 31, जबलपुर 46, झालावाड़ 39, झांसी 50, कडपा 47, कांचीपुरम 13, कानपुर 39, कटनी 30, क्योंझर 42, कोहिमा 50, कोलार 21, कोलकाता 30, कोरबा 24, कुंजेमुरा 27, लातूर 44, मदिकेरी 44, मैहर 27, मंगलौर 49, मंगुराहा 29, मिलुपारा 28, मैसूर 45, नासिक 42, नयागढ़ 28, ऊटी 16, पलवल 40, परभनी 37, पिंपरी चिंचवाड़ 49, प्रतापगढ़ 49, प्रयागराज 47, पुदुचेरी 43, राजसमंद 43, रामानगर 26, रामनाथपुरम 32, रतलाम 24, ऋषिकेश 41, रोहतक 41, सागर 41, सहरसा 39, सांगली 35, सासाराम 25, सवाई माधोपुर 49,
शिलांग 31, सिलचर 26, सिरोही 48, शिवसागर 30, तालचेर 35, टेंसा 44, तिरुवनंतपुरम 28, थूथुकुडी 40, तिरुपति 38, तिरुपुर 22, तुमिडीह 25, उदयपुर 47, वाराणसी 24, वृंदावन 30 और यादगीर 44 आदि शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवानी, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देहरादून, धारवाड़, धुले, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड़, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कन्नूर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोच्चि, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना,
महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, त्रिशूर, टोंक, तुमकुरु, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयपुरा और यमुनानगर आदि 111 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।